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Bokaro: जान जोखिम में डालकर जर्जर पुल को पार करते हैं लोग, हादसे का हर समय बना रहता डर

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बोकारो: बोकारो के सेक्टर 8 बी खटाल के पास स्थित पुल के हालात से लोग काफी भयभीत हैं. बरसों पुराना निर्माण हुए इस पुल की‌ मौजूदा स्थिति काफी गंभीर है और पुल बुरी तरह जर्जर हो चुका है. यह पुल बोकारो के सेक्टर 8 को सेक्टर 9 और सेक्टर 11 से जोड़ता है.

इस कारण अधिक लोग इस पर सफर करते हैं. यह पुल बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर 8 बी के बेहद ही नजदीक है. जिससे बच्चे रोजाना जर्जर पुल को पार कर स्कूल पढ़ने की ओर जाते हैं. जहां बच्चों में अनहोनी का डर हमेशा बना रहता है.

शार्टकट के लिए इस रास्ते का चयन करते हैं लोग

यह पुल सेक्टर 9 और सेक्टर 11 जाने का एक शॉर्टकट विकल्प है. जिस कारण रोजाना यहां आसपास के लोग और बच्चे अपने जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं.‌ लोगों द्वारा समय की बचत और हड़बड़ी के कारण लोग इस मार्ग चयन करते है. औपचारिक रास्ता मुख्य मार्ग सेक्टर 8 के कालीबाड़ी होते हुए विभिन्न सेक्टरों के जाने का रास्ता है. लेकिन लोग थोड़ी सी दूरी बचाने के चक्कर में बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं.

बरसों पुराना बना यह पुल अब पूरी तरह से डैमेज हो चुका है. ऐसे में इस पुल के हालात बेहद ही नाजुक है. थोड़े से दबाव से यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन लोग यहां अपने मोटरसाइकिल अपने बच्चों सहित इस खतरनाक पुल में सफर करते हैं.

दुर्घटनाओं की बनी रहती है संभावनाएं

बोकारो सेक्टर 8 के रहने वाले संटू कुमार ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि इस पुल से सफर करने में बहुत ही डर लगता है. पुल में बने गड्ढे से दुर्घटना होने के संभावना बहुत अधिक है. ऐसे में पुल का जल्दी से निर्माण किया जाए ताकि लोगों को तकलीफ न हो.

पुल के जर्जर हालात को देखते हुए बोकारो इस्पात संयंत्र के नगर प्रशासन द्वारा इस पुल को पूरी तरह बंद करना चाहिए और नए पुल का निर्माण ना चाहिए ताकि लोग और बच्चे आसानी से स्कूल आ जा सके.

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Tags: Bokaro news, Jharkhand news

FIRST PUBLISHED : February 01, 2023, 15:50 IST

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रांची में दोस्त या रिश्तेदार नहीं है तो क्या हुआ, Oho Living दिलाएगा मनचाहा रूम और फ्लैट

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रांची: युवाओं के बीच आजकल स्टार्टअप का क्रेज़ सर चढ़कर बोल रहा है. मार्केट में आज एक से बढ़कर एक स्टार्टअप आईडियाज देखने को मिल रहे हैं. इसी का जीता जागता उदाहरण है रांची के कोकर में रहने वाले ऋतुराज. जिन्होंने अपने ग्रेजुएशन की फीस से एक स्टार्टअप शुरू किया जो आज एक बड़ा बिजनेस का रूप ले चुका है.

ऋतुराज कहते हैं जब भी कोई काम व पढ़ाई के सिलसिले में नया शहर आता है, उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है रूम ढूंढना. इस चुनौती से मैं भी दो-चार हो चुका हूं कि रूम कैसे ढूंढे व रूम मिल भी जाए तो रहने के लिए बेसिक सामान जैसे फर्नीचर, बेड, बर्तन ,झाड़ू से लेकर चम्मच तक लाना अपने आप एक परेशानी का सबब बन जाता है. इसलिए हम लेकर आए हैं ओहो लिविंग, जिसके तहत लोग वेबसाइट में जाकर हमसे संपर्क कर आसानी से रूम व फ्लैट किराए पर ले सकते हैं.

ऋतुराज कहते हैं हमारे रूम की खासियत यह होती है कि आप हमारे बेस्ट वेबसाइट www.oholiving.com पर जाकर अपनी सुविधा और जरूरत अनुसार रूम का चयन कर सकते हैं. हम रांची के हर क्षेत्र में बरियातू से लेकर धुर्वा, पुनदाग, हरमू, किशोरगंज, अशोकनगर में रूम उपलब्ध कराते हैं. लोग अपने ऑफिस या स्कूल के नजदीक रूम लेना चाहें तो हम वहां भी आसानी से उनके लिए फ्लैट या रूम उपलब्ध करा देते हैं, जिससे उन्हें आने जाने में कोई तकलीफ नहीं होती.

लोग बैचलर लड़का या लड़की को रूम नहीं देना चाहते. लेकिन ओहो लिविंग में जिसको भी रूम दिया जाता है उनकी सारी जिम्मेदारी ली जाती है. रूम देते समय हम उनसे सारी लीगल डॉक्युमेंट्स मांगते हैं व वेरिफाई करते हैं. साथ ही रूम की रेगुलर क्लीनिंग से लेकर रूम में चम्मच व फर्नीचर तक तब हम उपलब्ध कराते हैं. हमारा अधिक ध्यान वर्किंग प्रोफेशनल पर होता है क्योंकि फर्नीचर व सफाई की अधिक समस्या उन्हें होती है.

कैसे करें कॉन्टेक्ट, क्या है किराया

अगर आप भी ओहो लिविंग के तहत रूम लेना चाहते हैं तो इस वेबसाइट www.oholiving.com पर जा अधिक जानकारी व रूम बुक कर सकते हैं या इस नंबर 7282887766 पर फोन कर सकते हैं. साथ ही रांची के ओहो लिविंग हेड ऑफिस भी पहुंच सकते हैं.  किराए की बात करें तो 5000 से रूम शुरू होकर 25000 के फ्लैट तक उपलब्ध हैं.

रांची व हटिया के यात्री ध्यान दें! 4 ट्रेनें रद्द, लिस्ट के साथ देखें इनमें आपका तो नहीं था रिजर्वेशन

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रांची: हटिया से हावड़ा जाने वाले लोगों के लिए रेलवे की तरफ से मायूस करने वाली खबर है. कई ट्रेनों का परिचालन कुछ दिनों के लिए हटिया से रद्द किया गया है. रांची रेल मंडल सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने News18 Local को बताया पूर्व रेलवे के हावड़ा मण्डल के अंतर्गत बर्धमान स्टेशन पर विकास कार्यो के लिए पावर और ट्रैफिक ब्लॉक लिया जाएगा, जिस कारण रांची रेल मण्डल में कई ट्रेनें रद्द रहेंगी. प्रमुख रूप से हटिया-मेमू (Hatia Memu Express) एक्सप्रेस और हटिया-हावड़ा एक्सप्रेस (Hatia-Howrah Express) प्रभावित रहेगी.

कुछ दिन पहले तक कोहरे के कारण भी कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी. इस बार विकास कार्यों के चलते ट्रेनें रद्द की गई हैं.

क्या आपकी ट्रेन भी हुई रद्द?

— ट्रेन संख्या 13503 बर्धमान–हटिया मेमू एक्सप्रेस यात्रा प्रारम्भ दिनांक 04/02/2023 और यात्रा प्रारम्भ दिनांक 09/02/2023 को रद्द रहेगी.

— ट्रेन संख्या 13504 हटिया-बर्धमान मेमू एक्सप्रेस यात्रा प्रारम्भ दिनांक 05/02/2023 और यात्रा प्रारम्भ दिनांक 10/02/2023 को रद्द रहेगी.

— ट्रेन संख्या 12019 हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस यात्रा प्रारम्भ दिनांक 09/02/2023 को रद्द रहेगी.

— ट्रेन संख्या 12020 रांची-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस यात्रा प्रारम्भ दिनांक 09/02/2023 को रद्द रहेगी.

टिकट के पैसे हो जाएंगे रिफंड

एसडीसीएम निशांत कुमार ने कहा जिन लोगों ने भी अपने रिजर्वेशन इन ट्रेनों में करवाए हैं, उन सब के पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे. इस तरह के कार्य के चलते ट्रेन रद्द करने की स्थिति बन जाती है, जिससे थोड़ी परेशानी तो यात्रियों को होती है पर यह उन्हीं की सुविधा के लिए किया जाने वाला काम है.

TB-Free India: हजारीबाग ने रचा उदाहरण, 200 से ज्यादा टीबी मरीजों को गोद लेने आगे आए लोग

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रिपोर्ट – सुबोध कुमार गुप्ता

हजारीबाग: टीबी मरीजों के लिए हजारीबाग में अनोखी पहल की गई है. हजारीबाग के जितने भी लोग टीबी बीमारी से ग्रसित हैं उन्हें गोद लेने की मुहिम शुरू हुई है. शहर के जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, प्रशासनिक पदाधिकारी, स्वयंसेवी संस्था, आत्मनिर्भर महिलाएं और समाज के सक्षम वर्गों ने इन मरीजों को गोद लेकर मिसाल कायम कर दी है. गोद लेने का अर्थ यह है कि ये लोग टीबी मरीजों का संपूर्ण इलाज कराएंगे और उन्हें रोजाना पोष्टिक आहार देंगे. साथ-साथ उनकी देखभाल भी करेंगे ताकि मरीज समय पर दवाई ले सके.

देश को 2025 तक टीबीमुक्त बनाने की योजना सफल हो इसलिए इस कोशिश के लिए उपायुक्त नैंसी सहाय ने प्रोत्साहित किया. सहाय ने कहा समाज में ऐसी पहल करना चाहिए जिससे लोगों का उत्थान हो सके. 2025 तक हजारीबाग को टीबीमुक्त बनाने के लिए जिलेवासी टीबी के मरीजों की मदद कर रहे हैं. जिला प्रशासन उनकी भरपूर मदद करने का प्रयास कर रहा है.

221 टीबी मरीजों को लिया गया गोद

हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने 25 टीबी मरीजों को गोद लिया है जबकि जिला परिषद अध्यक्ष उमेश मेहता ने 2, असिस्टेंट कलेक्टर शताब्दी मजमुदार ने 3, कृष्ण कुमार गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार, शकुंतला देवी, नरेश गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद, नीलम देवी, यासमीन तबस्सुम सभी मुखिया जनप्रतिनिधियों ने 2-2 टीबी मरीजों को गोद लिया है.

डॉ एसपी सिंह सिविल सर्जन हजारीबाग ने 5, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद कुमार ने 5, डॉ शशि जयसवाल ने 5, डॉ सीबी प्रथापन ने 5, डॉ राजेश गुप्ता ने 5, डॉ राजकिशोर जयसवाल ने 5, डॉ कपिल मुनी प्रसाद ने 5, डॉ प्रकाश ज्ञानी ने 5, डॉ बीएन प्रसाद ने 2, डॉ विक्रम ने 1, सद्भावना विकास मंच ने 10, नीतू कुमारी अंचलाधिकारी दारू ने 2, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने 5, डॉ राजकमल रंजन ने 3, टीपू सुल्तान ने 1, शाहनवाज आलम ने 3 टीबी मरीजों को गोद लिया है.

 

प्रेमिका से मिलना नहीं था पसंद, नए प्रेमी को पुराने ने रास्ते से हटाया, हत्या कर कुएं में डाली लाश

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झारखंड की रामगढ़ पुलिस ने मामले का खुलासा कर लिया है
जिस युवक की हत्या की गई वो 26 जनवरी से ही गायब था

रामगढ: झारखंड के रामगढ़ जिले से प्रेम प्रसंग में हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. घटना रामगढ़ के गोला थाना क्षेत्र की है. इस मामले में पुराने प्रेमी ने अपने प्रेमिका से मिलने वाले नए प्रेमी की हत्या कर उसके शव को कुएं में डाल दिया था. यह मामला रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र के डभातु  गांव का है. गोला पुलिस ने ड़भातु गांव के कुंए से 18 वर्षीय प्रियांशु प्रसाद का शव 30 जनवरी बरामद किया था.

प्रियांशु 26 जनवरी से अपने घर से लापता था. इस मामले में पुलिस ने रोशन कुमार नामक युवक को हिरासत में लिया. रोशन कुमार ने हत्याकांड की बात कबूल कर ली है. बताया जा रहा है कि रोशन कुमार प्रियांशु प्रसाद से इसलिए नाराज था कि वह उसकी प्रेमिका से मिलने- जुलने लगा था. उसके कई बार मना करने के बावजूद प्रियांशु प्रसाद ने उसकी प्रेमिका से मिलना जुलना नहीं छोड़ा. रोशन कुमार ने प्रियांशु को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने के लिए 26 जनवरी को प्रियांशु प्रसाद को सुनसान जगह पर बुलाया पहले उसकी जमकर पिटाई की और मरने के बाद उसके  शव को  किसान हाई स्कूल डभातु के समीप स्थित कुएं में उसके शव को फेंक दिया.

पुलिस ने प्रियांशु प्रसाद के मोबाइल के सीडीआर के माध्यम से रोशन कुमार को पकड़ा. पूछताछ में रोशन कुमार ने प्रियांशु प्रसाद की हत्या की बात को स्वीकार कर लिया. पुलिस ने इस मामले में अभियुक्त का खून लगा जींस, शर्ट को डैम से और बाइक समेत एक मोबाइल को भी जब्त किया है. इस मामले में रामगढ़ के एसडीपीओ किशोर कुमार रजक ने बताया कि प्रियांशु प्रसाद के मोबाइल नंबर का सीडीआर के माध्यम से संदिग्ध रोशन कुमार को पकड़ा गया तो रोशन कुमार ने इस हत्या में अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर ली.

उन्होंने बताया कि 26 जनवरी से प्रियांशु प्रसाद अपने घर से लापता था. सीसीटीवी फुटेज में प्रियांशु किसी से फोन पर बात करते हुए कुमार दगा चौक तक गया था उसके बाद से ही उसका पता नहीं चल पा रहा था. इस मामले में पुलिस ने एक टीम गठित कर मामले की तफ्तीश शुरू की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.

अस्पताल पहुंचे परिजनों को शव देने से किया मना! जानें क्यों

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आशीर्वाद टावर अग्निकांड में हताहत हुए 14 सदस्य, परिजन शव को पाने के लिए SNMMCH में हुए जमा, SNMMCH में शव नहीं सौपे जाने से परिजनों में गुस्सा

 

धनबाद: धनबाद जिले के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र जोड़ा फाटक स्थित आशीर्वाद टावर में मंगलवार शाम को भीषण आग लगी थी. जिसमे 14 लोगों की आग में जलकर मौत हो गई थी. वहीं 18 लोग जलकर घायल हो गए  है. जिनका अभी भी इलाज चल रहा है. सभी शवों को SNMMCH अस्पताल में रखा गया हैं. शवों को लेने के लिए परिजन रात से ही अस्पताल में पहुंच गए है. सभी परिजन शवों को लेने व देखने के लिए परेशान है. बता दें जिन लोगों की मौत हुई है वे सभी शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. सभी मृतक सुबोध लाल के परिवार से ही संबंध रखते हैं. इनमें कई लोग दूर दराज के भी है. जिसमे हजारीबाग ,बोकारो समेत अन्य जगहों के लोग शामिल है.

परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें अब तक अपनों के शव तक नहीं दिखाए गए हैं. पूंछने पर कहा जा रहा है कि मजिस्ट्रेट आएंगे, इसके बाद ही शव को दिखाया जाएगा. मजिस्ट्रेट की नियुक्ति में सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जाना है. इसलिए हमें नहीं दिखा सकते हैं. सभी परिजन अग्निकांड की जानकारी पाकर SNMMCH अस्पताल पहुंचे है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. मृतकों के परिजन SNMMCH में उनके शवों को लेने की आस लगाए बैठे हैं.

कैसे लगी आग ?

आपको बता दें  कि मंगलवार शाम को बैंक मोड़ थाना क्षेत्र जोड़ाफाटक समीप आशीर्वाद टावर के दूसरे मंजिल में भीषण आग लगी, आग दूसरे मंजिल में रहने वाले पंकज अग्रवाल के घर मे सबसे पहले लगी बताया जा रहा है कि पंकज अग्रवाल के घर मे दीपक(दिया) से आग लगी जो कपड़े के पर्दे में आग फैली उसके बाद वह आग फैलते-फैलते तीसरी मंजिल में सुबोध श्रीवास्तव के आवास तक पहुंच गई. सुबोध श्रीवास्तव के घर शादी समारोह था. जिसमे सुबोध श्रीवास्तव के घर शादी में काफी लोग पहुंचे. थे. आग लगने से कुल 14 मौत हुई. जिसमें 10 महिला, 3 बच्चे और 1 पुरुष शामिल है.

परिजनों का क्या है कहना ?

परिजनों ने कहा कि जो होना था वह हो गया, हम अपने परिजनों को खो चुके है. हम खुद इस हादसे के बाद दुखी है. आखिर हमारे अपनों का शव कब तक सौंपा जाएगा. परिजन जिला प्रशासन के रवैये से गुस्सा है. वहीं इस घटना से धनबाद कोयलांचल में शोक की लहर है. धनबाद विधायक राज सिन्हा SNMMCH अस्पताल पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे. परिजनों ने जल्द से जल्द शव को सौंपने का आग्रह किया. विधायक ने भी परिजनों की परेशानी को देखते हुए डीसी से बात कर शवों को सौंपने का आग्रह किया.

Bokaro: हत्या के दो मामलों में दोषियों को आजीनव कारावास, जानें क्या थी वारदात

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बोकारो: तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में हत्या के दो अलग-अलग मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार की अदालत ने सुनवाई करते हुए सजा सुनाई है. पहला मामला कसमार का है. जबकि दूसरा जरीडीह थाना क्षेत्र का है. कसमार थाना क्षेत्र के हंसलता टोला गट्टीगड्डा में 12 जुलाई 2018 की सुबह जमीन विवाद को लेकर सहदेव महतो की हत्या कर दी गई थी. इस घटना में कसमार थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर जिला जज द्वितीय अनिल कुमार के न्यायालय में पहुंचा. न्यायालय में उपलब्ध गवाहों के बयान एवं उभय पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय ने अभियुक्त रतन महतो को हत्या के मामले में सिध्द दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

सजा सुनाने के बाद के बाद रतन महतो को तेनुघाट जेल भेज दिया गया. वहीं इससे पूर्व साक्ष्य के अभाव में नकुल महतो को रिहा कर दिया गया था. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साह ने बहस की.

वहीं, दूसरा मामला जरीडीह थाना क्षेत्र का है. यहां भी व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार की अदालत ने हत्या के आरोपी बिंदेश्वर तुरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जरीडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत कमलापुर निवासी सूचक हाकिम तुरी ने जरिडीह थाना प्रभारी के समक्ष 13 जनवरी 2015 को बयान दर्ज कराया था कि 13 जनवरी की सुबह उसका बेटा महावीर तुरी घर आ रहा था. उसी बीच बिंदेश्वर तुरी कुल्हाड़ी से महावीर तुरी के माथे पर मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और मर गया.

हाकिम तुरी के उक्त बयान के आधार पर जरीडीह थाना कांड संख्या 9/15 मे मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में जिला जज द्वितीय अनिल कुमार के न्यायालय में उपलब्ध गवाहों के बयान एवं उभय पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय श्री कुमार ने अभियुक्त बिंदेश्वर तुरी को हत्या के मामले में सिध्द दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सजा सुनाने के बाद के बाद अभियुक्त बिंदेश्वर तुरी को तेनुघाट जेल भेज दिया गया.

Bokaro: सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस जवान से मारपीट का वीडियो आया सामने, 6 गिरफ्तार

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बोकारो: बोकारो के चास थाना क्षेत्र मे मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस के जवान के साथ मारपीट हुई. मारपीट मामले का वीडियो सामने आया है. मौके पर लगे सीसीटीवी में पूरी घटना कैद हो गई थी. यह वीडियो जिले में तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के लिए जा रहे लड़के चास थाना प्रभारी मोहम्मद रुस्तम के बॉडीगार्ड मोहम्मद इलियास के साथ मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं.

इस वीडियो के आधार पर पहचान कर चास तारानगर, बाबा नगर और बंसीडीह के रहने वाले 6 युवाओं को नामजद अभियुक्त बनाकर जेल भेजा गया है. मारपीट की इस घटना में पुलिस जवान मोहम्मद इलियास के सिर पर गंभीर चोट आई है. उसके सिर से काफी खून निकला था. चास के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

ये है मामला

दरअसल, सोमवार को धर्मशाला मोड़ पर सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो गुट आपस में भिड़ गए थे. इसकी सूचना थाना प्रभारी मोहम्मद रुस्तम अपने बॉडीगार्ड मोहम्मद इलियास के साथ मौके पर पहुंचे और झड़प कर रहे युवाओं को अलग करने लगे. इसी दौरान युवाओं ने बॉडीगार्ड मोहम्मद इलियास पर हमला बोल दिया और उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया.

ट्रैफिक डीएसपी पूनम मिंज ने बताया कि इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें साल देव सिंह, श्याम कुमार, अंकित कुमार, अगम कुमार और विकास कुमार व एक अन्य शामिल है. फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

आदिवासी महिलाएं बांस की चटाई बुनकर लिख रहीं खुद की तकदीर, देखें

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रांची: रांची से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है अनगड़ा गांव. जहां की आदिवासी महिलाएं अपनी मेहनत के दम पर तकदीर लिख रही है. इसमें कोई शक नहीं कि झारखंड में आदिवासी महिलाओं की खासकर गांव में रहने वाली महिलाओं की स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन इन महिलाओं ने किसी से उम्मीद या फिर शिकायत छोड़ अपनी किस्मत खुद अपने हाथ से लिखने का फैसला किया है.

आज हम आपको ऐसी ही महिलाओं से मिलाने लाए हैं जो अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए जहां मां की भूमिका निभाती है, तो वहीं चटाई की एक एक परत सिलते हुए अपने घर की जिम्मेदारी को भी बखूबी निभा रही है. बांस की चटाई सिलते हुए कमला कहती हैं ”एक चटाई का दस टका का मिलत है, दिन भर में 15 -20 छोटी चटाई सिल देत, जेकरा से घर के राशन पानी आराम से चलत हई”.

बांस की चटाई बुनकर बन रही हैं सशक्त

गांव की महिलाएं अपने घर के बाहर आंगन में ठंड के मौसम में धूप सेकते हुए बांस की छोटी-छोटी चटाई बनाती है. जिसे मार्केट हाट बाजार या फिर शहर से व्यापारी आकर ले जाते हैं. अक्सर शहर के व्यापारी इन्हें ऑर्डर के तहत चटाई बनाने का काम देते हैं, चटाई के अलावा यहां बांस की टोकरी, बांस का कप ट्रे भी बनाई जाती है.

बांस का काम करते हुए नीलम कहती है हम कई दिनों से काम कर रहे हैं मेरा पति कुछ करता नहीं है, जिस वजह से आर्थिक तंगी रहती है. लेकिन इस काम से हमें हर दिन अच्छी आमदनी हो जाती है जिससे हमारा गुजारा आसानी से चल जाता है.

व्यापारी अभिलाषा कहती है असल में यह हाउस वर्क है जिसके तहत महिलाएं घर में रहकर काम करती है और हम शहर से यहां आकर इनको आर्डर देते हैं व पैसे देकर सामान ले जाते हैं. इससे बीच में कोई बिचौलिया नहीं आता और इनको अपने काम का उचित दाम मिलता है व साल भर काम भी.

कैसे बनती है बांस की चटाई

बांस की चटाई बनाने के लिए महिलाएं जंगल से बांस लेकर आती हैं. जिसे आरी से छोटे-छोटे टुकड़े में काट उसकी एक-एक सीक को निकालकर, अपने हाथों से उसकी परत दर परत बुनाई करती है. लेकिन पहले छोटे-छोटे सीक को पानी में डुबो देती हैं, ताकि अच्छे से परत दर परत बैठ पाए. चार-पांच महिला मिलकर एक चटाई बनाती है जिससे 15-20 मिनट में ही एक चटाई बनकर तैयार हो जाता हैं.

पीएम मोदी तो कर चुके हैं तारीफ

झारखंड में कई बांस क्लस्टर है जिसकी चर्चा पीएम मोदी जनवरी के पहले रविवार में हुई मन की बात में कर चुके हैं. झारखंड की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा था आदिवासी लोग कुशल कारीगर होते हैं व एक से बढ़कर एक खूबसूरत चीज बनाते हैं, इससे रोजगार व उनके हुनर को पहचान भी मिलती है.

देवघर का अर्ष दिल्ली में सम्मानित, जानें कैसे कायम हुआ यह जलवा

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देवघर: देवघर के बिलासी टाउन निवासी अर्ष कश्यप को एनसीसी में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित महानिर्देशक प्रशस्ति पत्र से मेजर जनरल एसपी विश्वासराव, एडीजी दिल्ली निदेशालय द्वारा सम्मानित किया गया. महानिर्देशक प्रशस्ति पत्र एनसीसी के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है जो उत्कृष्ट प्रशिक्षण या सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.

पिता हैं आर्मी में आफिसर

अर्ष 6 दिल्ली बटालियन, दिल्ली निदेशालय की एसएसएन कंपनी के सीनियर अंडर अफसर हैं और पुरस्कार के लिए चुने गए 2 कैडेटों में से 1 हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के एसएसएन कॉलेज में इतिहास ऑनर्स के अंतिम वर्ष के छात्र हैं. अर्ष के पिता राजीव रंजन खवाड़े एक व्यवसायी हैं और उनकी मां सुनीता देवी एक गृहिणी हैं. अर्ष ने अपनी प्राथमिक शिक्षा संत फ्रांसिस स्कूल, देवघर से की एवं उच्च शिक्षा चिन्मया स्कूल, शिमला से प्राप्त किया. अर्ष अपने स्नातक के बाद एक अधिकारी के रूप में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते हैं.

माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय

अर्ष अपने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और मौसा-मौसी सहित पूरे परिवार को देते हैं. साथ ही उन्होंने अपने कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल एसके दहिया, एएनओ लेफ्टिनेंट मुकेश राणा, प्राचार्य डॉ प्रवीण गर्ग, सूबेदार मेजर फतेह सिंह और सभी पीआई स्टाफ को धन्यवाद दिया. जिनके मार्गदर्शन में ये सब मुमकिन हो पाया.

लेफ्टिनेंट जनरल एसके दहिया (कमांडिंग ऑफिस 6 डीबीएन) ने अर्ष को बधाई दी और कहा कि उन्हें बटालियन का गौरव बढ़ाने के लिए 6 दिल्ली बटालियन के सयूओ अर्ष कश्यप पर गर्व है. एक आलराउंडर कैडेट के रूप में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिल्ली निदेशालय के एडीजी मेजर जनरल एसपी विश्वासराव द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किए जाने पर बधाई.

6 दिल्ली बटालियन के एसएम फतेह सिंह ने कहा कि हम कैडेटों को सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रशिक्षित करते हैं और अर्ष ने विभिन्न स्थानों पर जीत हासिल करके साबित किया है कि उनमें क्षमता है, हमारे सभी प्रशिक्षणों की प्रशंसा तब होती है जब अर्ष जैसे कैडेट ऐसे शानदार पुरस्कार जीतते हैं. प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किए जाने पर बधाई.

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