“जलछाजन मिशन और पीएमकेएसवाई से अतिरिक्त 40 हजार हेक्टेयर भूमि पर कृषि कार्य हुआ संभव”*
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*★”बारिश के पानी को संरक्षित कर बढ़ा है सिंचाई का दायरा”*
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*★”प्राकृतिक संसाधन पर ईश्वर की विशेष कृपा”*
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*★”माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, पर्यटन के क्षेत्र में हुआ बेहतरीन कार्य”*
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*★ दीपिका पांडेय सिंह, माननीय मंत्री, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार ने अपने अभिभाषण में कहा*
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*कुडू प्रखंड के कोलसिमरी पंचायत में आयोजित हुआ राज्यस्तरीय वाटर शेड महोत्सव*
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*लोहरदगा।*
कुडू प्रखंड के कोलसिमरी पंचायत के उमरी फुटबॉल मैदान में आज राज्यस्तरीय वाटरशेड महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपिका पांडेय सिंह, माननीय मंत्री, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य में जलछाजन मिशन और पीएमकेएसवाई से लगभग 40 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर कृषि कार्य संभव हुआ है। वर्ष में किसान के के लिए तीन सीजन में फसल लेना संभव हुआ है। भूगर्भ जल स्तर में 4 से 10 फीट का सुधार हुआ है। जलछाजन से जुड़ने वाले किसान के पास सिंचाई के लिए अब पूरे वर्ष पानी रहता है। राज्य में किसान कृषि कार्य के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं जिसके कारण वे एक या 2 फसल ही वर्ष में ले पाते हैं। किसानों को समृद्ध बनाने के राज्य सरकार और केंद्र सरकार लगातार कार्य किया जा रहा है।
*यहाँ के मेहनतकश लोगों से राज्य की पहचान*
माननीय मंत्री ने कहा कि झारखंड पर प्रकृति ने भरपूर प्यार लुटाया है। जल, जंगल, जमीन की तरह यहां के मेहनतकश लोग झारखंड की पहचान हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में स्वास्थ्य शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, पर्यटन आदि के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य राज्य में हुआ है।
*जल ही जीवन है*
जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। दैनिक जीवन की जरूरतों के अतिरिक्त सिंचाई के लिए और कल-कारखानों के लिए भी पानी की बहुत आवश्यकता होती है। जलछाजन मिशन में जल औ मिट्टी संरक्षित रहेगी। जंगल सुरक्षित रहेगा। अब तक कुल कृषि योग्य भूमि का 20 प्रतिशत भूमि पर ही जल से सिंचाई की सुविधा है।
*राज्य सरकार अपने राजस्व का 4 फीसदी देगी*
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायत और नगर परिषद के विकास के लिए अपने राजस्व में से 4 फीसदी देगी। यह राशि इन क्षेत्रों के विकास में खर्च होगा। राज्य वित्त आयोग से भी राशि जिला परिषद और पंचायत को उपलब्ध कराया जाएगा।
*सवा लाख आवास पूर्ण हुए*
अबुआ आवास योजना और प्रधानमंत्री योजना को भी पूर्ण कराया जा रहा है। अब तक 1.25 लाख आवास पूर्ण हुए हैं। 21 नवम्बर से भी पंचायत और वार्ड स्तर में कैम्प का जरिये आमजनों तक सरकार पहुंचेगी। लोग इस का लाभ उठाएं
*जलछाजन मिशन से भी लोग जुड़ें : सीईओ*
झारखंड जलछाजन मिशन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय बर्णवाल ने कहा कि जिस तरह लोग अबुआ आवास योजना और प्रधानमंत्री योजननसे जुड़े हैं, उसी तरह लोग जलछाजन योजना से भी जुड़ें। ग्रामसभाओं में इसकी चर्चा करें। भविष्य में पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है इसलिए जल संरक्षण बहुत ही आवश्यक है। जलछाजन की जानकारी लोगों तक बहुत कम है, जागरूकता की आवश्यकता है। इससे जल स्तर बढ़ेगा।
*जलछाजन प्रबंधन से किसानों को फायदा : उपायुक्त*
कार्यक्रम में जिला के उपायुक्त डॉ ताराचंद ने कहा कि जलछाजन से किसानों को बहुत फायदा पहुंचा है। ग्रामीण विकास अंतर्गत किसानों को जलछाजन और कृषि विभाग की ओर से लघु सिंचाई/टपक सिंचाई योजना का लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार किसानों को सुदृढ करने का कार्य कर रही है।
*पोर्टल लॉन्च, मार्गदर्शिका का विमोचन*
आज के कार्यक्रम में जलछाजन की तकनीकी मार्गदर्शिका, कॉफी टेबल बुक और पोर्टल का भी विमोचन माननीय मंत्री द्वारा किया गया।
*सम्मान*
आज के कार्य मे जलछाजन में बेहतर कार्य के लिए 4 किसानों को सम्मानित किया गया। इनमें ग्राम तोड़ार के फलिन्दर साहू, ग्राम तोड़ार की ही सरोज देवी, ग्राम उल्टी की शीला उरांव और ग्राम ख्वासअम्बवा के पंचानंद शाह शामिल हैं। साथ ही, डब्ल्यू डीसी-1 में जामताड़ा, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम को और डब्ल्यू डीसी-2 में सरायकेला, हजारीबाग व रांची जिला को बेहतर जनभागीदारी के लिए पुरस्कृत किया गया।
*अमृत सरोवर का हुआ लोकार्पण*
आज माननीय मंत्री द्वारा उमरी ग्राम में अमृत सरोवर का लोकार्पण किया गया और सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी ली गयी।
आज के कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक सादिक अनवर रिजवी, डीडीसी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, डीसीसी जामताड़ा निरंजन कुमार, अपर समाहर्ता जितेंद्र मुंडा, एसडीपीओ वेदांत शंकर, जिला परिषद सदस्यगण, सभी जिलों के जलछाजन योजना के तकनीकी विशेषज्ञ अन्य गणमान्य व बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।








