विश्व हिंदू परिषद झारखंड प्रांत का दो दिवसीय प्रांतीय सत्संग प्रशिक्षण वर्ग सिमडेगा में प्रारंभ

Anita Kumari
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सत्संग से मनुष्य के विचार, व्यवहार और कर्म में आती हैं पवित्रता:अच्युतानंद जी

संवाददाता, पारस कुमार इंद्र गुरु
सिमडेगा: विश्व हिंदू परिषद झारखंड प्रांत की ओर से सिमडेगा शहर के आनंद भवन में दिनांक 11 अक्टूबर 2025 शनिवार को दो दिवसीय प्रांतीय सत्संग प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर की गई। उद्घाटन के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद सिमडेगा जिला अध्यक्ष कौशल राज सिंह देव ने कहा कि यह सिमडेगा जिले के लिए गौरव की बात है कि प्रांत स्तर पर आयोजित सत्संग प्रशिक्षण वर्ग के लिए सिमडेगा को चुना गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन समाज को संगठन, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति जागरूक करने का कार्य करते हैं।मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विश्व हिंदू परिषद के केंद्र सत्संग सह प्रमुख अच्युतानंद जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सत्संग वह माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति न केवल आत्मिक शांति प्राप्त करता है, बल्कि ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग भी पाता है। उन्होंने कहा कि सत्संग से मनुष्य के विचार, व्यवहार और कर्म में पवित्रता आती है। उन्होंने बताया कि सत्संग व्यक्ति को समाज, संस्कृति और संगठन से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद लगातार सत्संग के माध्यम से समाज में एकता, समरसता और धार्मिक चेतना को बढ़ावा दे रही है।अच्युतानंद जी ने कहा कि आने वाले समय में सत्संग की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होगी, इसलिए इसे मजबूत बनाने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सत्संग को केवल धार्मिक अनुष्ठान न मानें, बल्कि इसे जीवन शैली के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा कि प्रांत स्तर के ऐसे प्रशिक्षण वर्गों में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेना चाहिए, ताकि संगठनात्मक दृष्टि से परिषद को और मजबूती मिल सके।प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह ने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद में सत्संग की भूमिका अत्यंत केंद्रीय है। सत्संग समाज में समानता और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां करोड़ों लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ स्नान करते हैं, यह हमारे समाज की समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जहां सत्संग कमजोर हुआ, वहां समाज में विभाजन बढ़ा, इसलिए सत्संग को हर क्षेत्र में सशक्त बनाना आवश्यक है। उन्होंने सभी लोगों को सेवा भाव बढ़ने और सामाजिक समरसता को प्रमुखता के साथ आगे लाते हुए समाज के सभी वर्गों के साथ मिलकर सत्संग करने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर प्रांत सत्संग प्रमुख रंजन कुमार सिंह, सह प्रमुख गणेश चंद्र विद्यार्थी, गुमला विभाग मंत्री कुलदीप सिंह, सिमडेगा जिला मंत्री कृष्णा शर्मा, लोहरदगा जिला मंत्री रंजीत कुमार साहू जी ,सह मंत्री सुबोध महतो, जिला आचार्य पुरोहित प्रमुख विद्या बंधु शास्त्री, जिला सत्संग प्रमुख प्रकाश दास, किरण चौधरी, कोषाध्यक्ष मुरारी प्रसाद सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

 

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