चतरा। विगत दिनों हुई भारी बरसात के कारण लावालौंग-पाकी मुख्य सड़क की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। सड़क कीचड़ और गड्ढों में तब्दील होने से परेशान ग्रामीणों ने सड़क पर ही धरना देकर विरोध जताया था। बीडीओ विपीन कुमार भारती के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए थे, लेकिन कार्रवाई अब तक जमीन पर नहीं दिखी। ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद, विधायक और जिला प्रशासन की उदासीनता से उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मीडिया में बढ़ती जन आवाज़ के बाद सिमरिया विधायक कुमार उज्ज्वल दास समिति के साथ लावालौंग पहुंचे और समस्या समाधान का आश्वासन दिया था, पर समिति दो माह पहले ही चतरा से लौट गई और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हालांकि विधायक ने पंचायत प्रतिनिधियों में मुखिया राजेश साव, नेमन भारती और अमित कुमार चौबे के साथ मिलकर उपायुक्त से सड़क निर्माण की मांग की थी। उपायुक्त ने छह माह में सड़क बनवाने तथा आवश्यकता पड़ने पर डीएमएफटी फंड से पीसीसी सड़क निर्माण करवाने का भरोसा दिया था। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि दो माह से बारिश बंद है, ठंड भी गुजरने को है, पर योजनाएं केवल कागज़ तक सीमित हैं। चारों पंचायतों के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले चुनाव में भी सड़क समस्या को लेकर वोट बहिष्कार हुआ था, लेकिन आश्वासनों के बाद मतदान किया गया। नतीजा यह रहा कि सड़क आज भी जस की तस है। अब ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे चुका है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो आगामी चुनाव में लावालौंग-पाकी मुख्य सड़क सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी और इस बार व्यापक स्तर पर चुनाव बहिष्कार किया जाएगा। उनका कहना है कि अब विकास के नाम पर केवल वादे नहीं, बल्कि जमीनी काम चाहिए।
लावालौंग-पाकी मुख्य सड़क की बदहाली पर ग्रामीणों में उबाल, आगामी चुनाव में बहिष्कार की चेतावनी
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