आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले में सुरक्षाबलों ने बड़ा ऑपरेशन चलाते हुए देश के सबसे खतरनाक और वांछित माओवादी कमांडरों में शामिल माडवी हिडमा (43) को मार गिराया है। 1 करोड़ रुपये के इनामी हिडमा की मौत को सुरक्षा एजेंसियां नक्सली नेटवर्क पर अब तक का सबसे बड़ा झटका मान रही हैं। मुठभेड़ में उसकी दूसरी पत्नी और अन्य माओवादी मिलाकर कुल छह नक्सली ढेर किए गए।
जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ ASR जिले के मारेदुमिल्ली क्षेत्र के जंगलों में सुबह लगभग 6–7 बजे के बीच हुई। एक गुप्त इनपुट के आधार पर क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, तभी माओवादी संगठन की एक बड़ी टीम सुरक्षा बलों के संपर्क में आ गई। दोनों तरफ से हुई भारी गोलीबारी में हिडमा समेत छह माओवादी मारे गए। इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी है।
1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में जन्मे माडवी हिडमा ने बेहद कम उम्र में नक्सली संगठन में कदम रखा था।
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वह PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादी संगठन की सबसे घातक यूनिट माना जाता है।
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हिडमा CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य था।
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बस्तर क्षेत्र में वह माओवादियों का सबसे प्रभावशाली और बेहद खतरनाक नेता माना जाता था।
उसकी पहचान एक ऐसे ग्राउंड कमांडर की रही जिसने वर्षों तक सुरक्षा बलों को चुनौती दी और जंगलों में अपनी पकड़ बेहद मजबूत बनाए रखी।
पत्नी समेत 6 माओवादी ढेर
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, हिडमा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी मारी गई। मुठभेड़ में हिडमा के करीबी सहयोगी और बॉडीगार्ड भी ढेर हुए हैं, जिससे संगठन को रणनीतिक रूप से बड़ा नुकसान हुआ है।
हिडमा किन बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था?
हिडमा पर कम से कम 26 बड़े नक्सली हमलों का नेतृत्व और साजिश रचने का आरोप था। इनमें कई हमले भारतीय सुरक्षा इतिहास के सबसे घातक हमलों में गिने जाते हैं:
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2010 दंतेवाड़ा हमला – 76 CRPF जवान शहीद
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2013 झीरम घाटी हमला – कांग्रेस नेताओं समेत 27 लोगों की हत्या
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2017 सुकमा हमला – कई जवान शहीद
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2021 सुकमा–बीजापुर हमला – 22 जवान शहीद
इन हमलों ने बस्तर और आसपास के इलाकों में नक्सल नेटवर्क को मजबूत किया था और सुरक्षा एजेंसियों पर भारी दबाव बनाया था।
आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि मारेदुमिल्ली क्षेत्र में पुलिस और माओवादियों के बीच आमना-सामना होने पर मुठभेड़ शुरू हुई। उन्होंने कहा— “ऑपरेशन में एक शीर्ष माओवादी नेता समेत छह माओवादी मारे गए हैं। तलाशी अभियान जारी है।”
नक्सली नेटवर्क पर बड़ा झटका
सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि हिडमा की मौत के बाद बस्तर और सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों का ऑपरेशनल और रणनीतिक ढांचा कमजोर होगा। हिडमा न सिर्फ एक कमांडर था बल्कि जंगलों में माओवादी गतिविधियों का मुख्य समन्वयक भी माना जाता था। उसकी मौत से नक्सली संगठन को नेतृत्व स्तर पर भारी क्षति हुई है।








