शरद पूर्णिमा पर अमृत बरसेगा, रात्रि काल में भद्रा का साया, खीर को रखे चन्द्रमा की रोशनी में

News Scale Digital
2 Min Read
WhatsApp Group Join Now

संवाददाता, पारस कुमार इंद्र गुरु
लोहरदगा।
शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025 सोमवार को पड़ रहा है। इस चन्द्रमा की रोशनी सबसे ज्यादा होती है। शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर सोमवार को 12ः24 मिनट से 7 तारीख मंगलवार को 9;23 तक है। लेकिन रात्रि काल में भद्रा पड़ने के कारण 6 अक्टूबर सोमवार को शरद पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होते हैं और उनकी किरणों से अमृत बरसता है। इसी वजह से शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने और ग्रहण करने का प्रचलन है। पंडित बिनोद कुमार इंद्र गुरु के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा काल का साया भी रहेगा। भद्रा काल को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है, इसलिए इस समय कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। 6 अक्टूबर की रात भद्रा काल 10 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस समय के समाप्त होने के बाद ही खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखना शुभ माना गया है। शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखने का उद्देश्य न केवल आरोग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति है, बल्कि यह आध्यात्मिक बल भी प्रदान करता है। मान्यता है कि पूर्णिमा की रात चंद्रमा की शक्तियां दोगुनी हो जाती हैं और इस दौरान किया गया कोई भी शुभ कार्य विशेष लाभकारी होता है इस मौके पर उन्होंने इससे संबंधित मंत्र उच्चारण करके बताया उन्होंने की इस रात में इसका पाठ करना चाहिए।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *