गुमला: नवरात्रि के पावन अवसर पर शिव दर्शन भवन गुमला में भव्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चैतन्य देवियों की झांकी एवं महिषासुर वध का आकर्षक नाट्य मंचन प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश पांडे, सीडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव , पवन अग्रवाल संजय अग्रवाल सहित शहर के अनेक सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं संपूर्ण व्यवस्था शिव दर्शन भवन की संचालिका बीके शांति दीदी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। नाट्य मंचन की विशेष प्रस्तुति में बीके रेमी बहन (गुड़गांव), बीके वैष्णवी बहन(गुड़गांव), बीके सुचिता बहन, बीके कुसुम बहन, बीके जीवंती बहन तथा बीके कृष्णा भाई समेत अन्य कलाकारों ने अपनी उत्कृष्ट कला से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। अपने संबोधन में सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश पांडे ने कहा कि “नवरात्रि शक्ति उपासना का पर्व है। यह हमें सिखाता है कि असत्य और अन्याय चाहे कितना भी प्रबल क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की विजय निश्चित है। वहीं सीडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने कहा कि “आज समाज में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति परिवार और बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बना रही है। ऐसे आयोजन समाज को सही दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।
संचालिका बीके शांति दीदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “नवरात्रि हमें आत्मशक्ति जागरण का संदेश देती है। जब हम ईश्वर से जुड़ते हैं और आत्मा की शक्ति को पहचानते हैं तो जीवन की हर बुराई और कमजोरी पर विजय पा सकते हैं। नशा मुक्ति भी तभी संभव है जब हम आत्मिक शक्ति को जगाकर संकल्प लें। इस अवसर पर नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत दर्शकों को नशा त्यागने एवं नशा-मुक्त जीवन जीने की सामूहिक प्रतिज्ञा कराई गई। साथ ही, कुंभकरण की झांकी द्वारा नशे से होने वाले दुष्प्रभावों को दर्शाया गया और नशामुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। उपस्थित लोगों के बीच नशा मुक्ति संबंधी परिचय पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में स्थानीय भाजपा नेत्री शकुंतला देवी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए इस आयोजन की सराहना की और समाज को संस्कारयुक्त बनाने के लिए सभी को प्रेरित किया। भव्य झांकियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नशा मुक्ति संदेशों से परिपूर्ण यह आयोजन गुमला वासियों के लिए आध्यात्मिकता और सामाजिक चेतना का संगम बन गया।