गुमला। गुमला मुख्यालय सहित जिले भर में हर्षाेल्लास से दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया गया एवं विजयादशमी के दिन गुरुवार को पारंपरिक तरीके से सभी पूजा पंडालों में विराजी मां दुर्गा मां सरस्वती समेत अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन को लेकर शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सिसई रोड़ छठ तालाब पहुंचकर पूरी श्रद्धा और नम आंखों से प्रतिमाओं का विसर्जित किया गया। इससे पूर्व शोभायात्रा में घर-घर आरती एवं पूजा अर्चना कर लोगों ने मातारानी से अपनी-अपनी मुरादें पूरी हाने एवं अगले साल फिर से आगमन ऐसे ही हर्षाेल्लास एवं खुशियों के साथ होने की कामना की। विसर्जन जुलूस में सबसे आगे पारंपरिक रूप से श्री बड़ा दुर्गा मंदिर बंगाली कल्ब एवं अन्य पूजा पंडालों के वाहन में सवार प्रतिमाओं के आगे-आगे पूजा समिति के पदाधिकारी एवं गाजे-बाजे के साथ ही पुलिस टीम द्वारा विसर्जन जुलूस के मार्गों से ट्राफिक व्यवस्था को नियंत्रित कर रहे थे। दोपहर बाद बुंदाबूंदी भी हुई थी, लेकिन थोड़ी बारिश के बाद बारिश थम गई वहीं प्रतिमा विसर्जन के पश्चात सभी पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं ने शांति जल ग्रहण करते हुए पूजा पंडालों के आचार्य एवं पुरोहित ने विश्व व मानव कल्याण हो और पापियों का विनाश हो मां दुर्गा की जय-जयकार के साथ संपन्न हुआ।
परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में हुआ रावण दहन
गुमला। रावण दहन समिति द्वारा गुमला के परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में विजयादशमी पर अहंकारी रावण भाई कुंभकरण और पुत्र मेघनाथ का पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित एवं पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमां पूपर उपस्थित हुए एवं रावण कुंभकर्ण एवं मेघनाथ का पुतला दहन किया गया इस मौके पर पहुंचे हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने आकर्षक आतिशबाजी का नजारा का लुत्फ उठाया एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का नजारा देखा। रावण दहन कार्यक्रम स्थल पर शांति व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुमला एसपी हारिस बिन जमां द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े पैमाने पर महिला एवं पुरुष पुलिस टीम लगाया गया था जो भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही असमाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखे हुए थे। यहां बताते चलें कि बारिश की वजह से जो नजारा रावण दहन कार्यक्रम में देखने को मिलता था वह थोड़ा कम हो गया था कारण रावण कुंभकर्ण एवं मेघनाथ जी को बेमौसम बारिश ने भिगो दिया था जिसके कारण आतिशबाजी में थोड़ी सी खलल पड़ गई थी।