जेएमएम प्रत्याशी मनोज कुमार चंद्रा को विरासत में मिली सियासत, अब आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी छोड़कर 2009 में आए राजनीति में

Munna
By Munna
3 Min Read
WhatsApp Group Join Now

न्यूज स्केल

चतरा/ झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के चुनाव में विधानसभा सिमरिया (अ.जा.) से इंडिया गठबंधन से झारखंड मुक्ती मोर्चा के प्रत्याशी हैं मनोज कुमार चंद्रा। जानते हैं जेएमएम प्रत्याशी मनोज कुमार चंद्रा की बायोग्राफी। इनका जन्म 18 अप्रैल 1979 को चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के पुंडरा गांव में हुआ। इनके पिता का नाम स्व. रामचंद्र राम और माता सीता देवी हैं। मनोज पढ़ाई-लिखाई में हमेंशा अव्वल रहे। गांव के स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1995 में हजारीबाग आनंदा उच्च विद्यालय से दसवीं पास की। 1997 में संत कोलंबस महाविद्यालय से इंटर व 2001 में बिनोवा भावे यूनिवर्सिटी के संत कोलंबस महाविद्यालय से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। जबकि 2003 में दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त किया। उसी क्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय में 2002 में दिशा छात्र संगठन बनाया। जिसका उद्देश्य वहां के गली के बच्चों को रात में समूह में जाकर पढ़ाना, महिला सशक्तिकरण, रक्तदान एवं एड्स जागरूकता अभियान चलाना था। जिसमें संगठन को कई सफलता भी हासिल हुई। इसी क्रम में इनके पिता विधायक रामचंद्र राम का असमय निधन हो गया और निधन के पश्चात भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी छोड़कर 2009 में राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश किया। इससे पूर्व साल 2008 में अपने पिता के चुनाव के दौरान प्रचार प्रबंधन की जिम्मेवारी संभाली थी।

विरासत में मनोज कुमार चंद्रा को मिली है सियासत


मनोज कुमार चंद्रा को राजनीति विरासत में मिली है। इससे पूर्व श्री चंद्रा के दिवंगत पिता स्व. रामचंद्र राम की सरकारी नौकरी हुई। परंतु सरकारी नौकरी को त्याग कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए और समाज में हो रहे शोषण, अत्याचार, छुआछूत, सामाजिक प्रताड़ना के प्रति सामाजिक लड़ाई में कूद पड़े। और लंबे संर्घष के बाद 2008 के उप चुनाव में मनोज चंद्रा के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पार्टी व क्षेत्र के लोगों के कड़ी मेहनत के कारण इनके पिता स्वर्गीय रामचंद्र राम को सिमरिया विधानसभा से विजय हासिल हुई। हालांकि इनके पिता की आकस्मिक निधन 2 मार्च 2009 में हो गया। इनके पिता सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से मात्र 10 महीना 22 दिन ही विधायक रहे। परंतु उनके कार्य करने की शैली सभी को अपनी ओर आकर्षित किया था। जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। पिता के निधन के बाद मनोज चंद्रा सिमरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता की सेवा में जुट गए। जो 2009 से अबतक जारी है। जिसका प्रमाण है कि भले ही जीत नही हुई श्री चंद्रा की पर हर चुनाव में वोट प्रतिशत की बढ़ होते रही है। बीते 2019 के विस चुनाव में महत करीब 11 हजार वोट से चुक गए थे। सूत्रों की मोने तो इस बार की स्थिति पहले से भी बेहतर है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *