विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित हुआ सप्तशक्ति संगम का भव्य आयोजन*

Anita Kumari
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रिपोर्ट: News Scale LIVE – ब्यूरो पारस कुमार इंद्र गुरु//सुंदरी देवी सरस्वती शिश मंदिर लोहरदगा में सप्तशक्ति संगम का भव्य आयोजन** सनातन संस्कृति की संवाहिका होती है माताएं श्रीमती सुषमा सिंह जी *परिवार का वेष भाषा भजन एवं भोजन एक साथ होने से कुटुम्ब व्यवस्था दृढ़ होती है: श्रीमती अन्नपूर्णा देवी*

दिनांक 22 नवंबर 2025 को सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर लोहरदगा के प्रांगण में सप्तशक्ति संगम का भव्य आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता अन्नपूर्णा देवी एवं उमा देवी संयोजिका लक्ष्मी देवी कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह के कर कमलों से दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम की प्रस्तावना को प्रस्तुत करते हुए लक्ष्मी जी ने कहा कि सप्तशती संगम का उद्देश्य भारतीय नारियों को आत्मिक शक्ति बोध कराने से है ।सप्त शक्ति के रूप में श्री , वाक्, स्मृति, मेधा ,धृति, क्षमा और कीर्ति जानी जातीं हैं । हमारे देश का पौराणिक इतिहास रहा है जब-जब भी आतताइयों का प्रादुर्भाव हुआ है शक्ति का अवतार होकर उनका संहार हुआ है। अपने उद्बोधन में कहा कि पुरुषार्थ की जन्मदात्री माताएं होती हैं जब माताएं सजग रहेगी तभी भैया बहनों की शिक्षा पूर्ण हो सकेगी और उनमें संस्कार समावेश हो सकेगा । बच्चों के विकास में माता की अग्रणी भूमिका होती है भारत की आदर्श कुटुंब व्यवस्था माता पर ही निर्भर है । मुख्य वक्ता अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि माताओं को कुटुंब व्यवस्था की प्रेरणा भगवान शिव के परिवार से लेनी चाहिए । पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण न कर अपनी गौरवपूर्ण सनातन संस्कृति को जीवंत बनाए रखना चाहिए। माता का स्वरूप नारी को संपूर्णता प्रदान कराता है । भारत के सांस्कृतिक विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। अपने उद्बोधन के क्रम मेंअन्नपूर्णा जी ने कहा कि सप्तशती संगम का यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही पारिवारिक व्यवस्था को सशक्त बनाकर राष्ट्र के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा । इस अवसर पर माताओं के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई एवं उनको पुरस्कृत भी किया गया ।इस अवसर पर संयुक्त परिवार में अग्रणी भूमिका निभाने वाली 73 वर्ष की माता श्रीमती श्यामपति देवी को सम्मानित किया गया। साथ ही साथ जनजातीय समुदाय में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में ललिता देवी को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय में क्षेत्र के 176महिलाओं का समागम पूर्व छात्र 21 महिला कर्मचारी एवं उनकी सहेलियों 16 अन्य 61 कुल 293 मातृ शक्ति की उपस्थिति रही। इस अवसर पर लाजवाब भोजन की भी व्यवस्था की गई थी सबों ने विद्यालयी व्यवस्था की भूरि भूरि प्रशंसा की । अतिथि परिचय आचार्या सुनीता जीने किया। मंच संचालन आकांक्षा कुमारी के द्वारा किया गया।आभार ज्ञापन कार्यक्रम की प्रमुख आचार्या दीपिका कुमारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रबंधकरणी समिति के सचिव श्री अजय प्रसाद विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुरेश चंद्र पांडे एवं आचार्य भगिनी बंधु का सराहनीय योगदान रहा।

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