पूर्व थाना प्रभारी के लिखे डायरी ने अपराधी को दिलाया आजीवन कारावास, वर्ष 2021 में हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिए शव जलाने का किया गया था प्रयास

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न्यूज स्केल संवाददात
मयूरहंड(चतरा): मयूरहंड थाना कांड संख्या 43/21 हत्या कर साक्ष्य छुपाने को लेकर शव जलाने वाले अपराधी विक्रम कुमार मेहता पिता कैलाश मेहता ग्राम ढेबादौरी को सात गवाह गुजरने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस कांड का अनुसंधान व केस डायरी तत्कालीन थाना प्रभारी कौशल कुमार सिंह द्वारा लिखी गई थी। ज्ञात हो की 20 जुलाई 2021 को कांड के सूचक चौकिदार पारमेश्वर राम के फर्द बयान पर मामला दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी। छानबीन के दौरान पुलिस के समक्ष बहुत बड़ी चुनौती थी अधजले शव की शिनाख़्त कर पाना। पर तत्कालीन थाना प्रभारी ने सूझबूझ से काम लिया और बारह घंटे के अंदर अधजले शव की शिनाख़्त करने में कामयाबी हासिल करने के साथ अपराधी की पहचान कर ली। शिनाख्त के दौरान मृतक लड़की का नाम संगीता कुमारी जो नर्स के पद पर रामगढ के वृंदावन अस्पताल में कार्यरत थी और अपराधी विक्रम कुमार मेहता से बातचीत करती थी और आरेपी के साथ मृतका गुजरात में भी रही थी, जिसके बाद शादी को लेकर विक्रम पर दबाब बना रही थी और सदा के लिए निपटारा के मनसूबा विक्रम ने बनाया और मृतका को विश्वास में लेकर रामगढ से बुलाया। उसके बाद थाना क्षेत्र के महेशा टोंगरी जंगल में हत्या कर शव को जला दिया। शव की पहचान मृतका के पिता द्वारा कपड़े से की गई थी।