गुमला। गुमला जिले के रायडीह प्रखण्ड अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रायडीह में नवजात शिशु के बिक्री किये जाने से संबंधित गंभीर मामला प्रकाश में आया है। इस संवेदनशील एवं जनहित से जुड़े विषय पर उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने त्वरित संज्ञान लेते हुए इसे शीर्ष प्राथमिकता में रखा है तथा आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उक्त प्रकरण की सत्यता की जांच एवं तथ्यों की पुष्टि के लिए उपायुक्त के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी, गुमला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें सिविल सर्जन, गुमला तथा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, रायडीह को सदस्य बनाया गया है। समिति को दो दिनों के भीतर विस्तृत जांच प्रतिवेदन जिला प्रशासन को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। समिति द्वारा स्थल निरीक्षण कर सम्पूर्ण घटनाक्रम से संबंधित सभी पहलुओं की जांच की जाएगी, जिसमें स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक, कर्मचारियों, अस्पताल प्रबंधन, नवजात शिशु के परिजनों एवं संभावित बाहरी व्यक्तियों की भूमिका की पड़ताल की जाएगी। उपायुक्त ने कहा है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या अवैध गतिविधि पाए जाने की स्थिति में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
प्रखंड कार्यालय परिसर में यूकोलिप्टस वृक्षों की नीलामी में भ्रष्टाचार का मुद्दा अभी जिंदा है
गुमला जिले में भ्रष्टाचार और अवैध तरीके से नियमों को ताक पर रखकर राजस्व की चोरी में रायडीह प्रखंड कार्यालय सह अंचल कार्यालय परिसर में यूकोलिप्टस वृक्षों की नीलामी में हेराफेरी कर राजस्व की चोरी का मामला सामने आया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ था कि तात्कालीन अंचलाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी अमीत कुमार मिश्रा ने कैसे नियमों को ताक पर रखकर राजस्व विभाग को चूना लगाया है वहीं दूसरी तरफ ताजातरीन मामला रायडीह प्रखंड के स्वास्थ्य उपकेंद्र में नवजात शिशु को बिक्री करने का मामला अखबार में प्रकाशित होने के बाद गुमला उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित द्वारा एक जांच समिति द्वारा इसकी गहनता से जांच कराई जाएगी एवं दोषियों को लेकर कठोर कार्रवाई की जाएगी- यहां बताते चलें कि रायडीह प्रखंड कार्यालय में यदि उच्च स्तरीय जांच शुरू हो तो अनेकों भ्रष्टाचार का मामला सामने आना तय है।