* गुमला-जिले के बॉक्साइट उत्खनन क्षेत्र सेरेंगदाग माइंस क्षेत्र में भाकपा माओवादी नक्सलियों ने दर्जन भर वाहनों में की आगजनी – डॉल्फिन कंपनी एवं एम टू कंपनी के वाहनों को किया आग के हवाले घटनास्थल पर नक्सलियों ने पर्चा छोड़ जिम्मेवारी ली*

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झारखण्ड / गुमला–घाघरा थाना क्षेत्र के सेरेंगदाग माइंस इलाके के सतकोनवा के पास नक्सली संगठन माओवादी ने करोड़ों रूपया का नुक़सान पहुंचाया है एक दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। नक्सलियों के द्वारा डॉल्फिन कंपनी और M2 कंपनी के वाहनों को आग के हवाले किया गया है। प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि रात्रि करीब 1:30 बजे नक्सली संगठन माओवादी के सदस्य आए और दरवाजा खुलवाया इसके बाद सभी मजदूर व मजदूर के परिवार वालों को उठाया और मजदूरों से ही वाहनों में डीजल डलवाकर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद सभी मजदूरों को और उनके परिवार वालों को घटनास्थल से करीब 1 किलोमीटर दूर भेज दिया।इसके बाद एक बड़ा विस्फोट कर एक हाईवा को भी उड़ा दिया गया। विस्फोट का आवाज इतना जबरदस्त था कि पूरा इलाके थर्रा उठा। घटना का सूचना जैसे ही पुलिस को मिली गुमला के एसपी हरविंदर सिंह अभियान डीएसपी मनीष कुमार घाघरा थाना प्रभारी अमित चौधरी सहित तमाम पुलिस पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया।

*पोस्ट छोड़कर माओवादियों ने घटना की जिम्मेदारी ली है।*

माओवादियों ने पोस्ट छोड़ कर घटना का अंजाम लेते हुए कहा कि माओवादी संगठन को कोई कमजोर ना समझे कमजोर समझना उनकी भूल होगी।जान माल का भी नुकसान उन्हें उठाना पड़ेगा।साथ ही साथ माइंस क्षेत्र में खनन और परिवहन कार्य भी बंद रखने का फरमान सुनाया है। माओवादियों के इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र का तमाम माइंस का खनन और परिवहन कार्य बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि रविंद्र गंजू के लगभग 40 के सदस्य वाली दस्ताने घटना को अंजाम दिया है।

*माओवादियों ने माइंस को लगातार टारगेट बनाया है।*

नक्सली संगठन माओवादी ने लगातार माइंस क्षेत्र में घटना को अंजाम देकर खनन व परिवहन कार्य को बंद करते रहा है। नक्सली संगठन के द्वारा लेवी के लिए इस घटना को अंजाम दिया जाता है। पूर्व में भी नक्सली संगठन के द्वारा दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर मजदूरों का हत्या भी किया जा चुका है।

*डॉल्फिन कंपनी और M2 कंपनी का वाहनों को जलाया गया*
नक्सलियों ने जिन वाहनों को आग के हवाले किया वह सारे वहां डॉल्फिन और M2 कंपनी का है।घटना से दोनों ही कंपनी को लगभग 10 करोड रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। नक्सली घटना के बाद से कंपनी के लोग काफी भयभीत है और इलाके में भी दहशत का माहौल है। घटना के बाद से कंपनी के लोग कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

*लंबे समय के बाद माओवादियों ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है।*
इलाके में नक्सलियों के विरुद्ध जोरदार कार्रवाई पुलिस करती रही है। नक्सलियों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है। जिस वक्त पुलिस मान रही थी कि नक्सली कमजोर पड़ गए हैं और उनकी कमर टूट गई है। इस वक्त इतनी बड़ा घटना को अंजाम देकर माओवादियों ने पुलिस के हौसले का कमर तोड़ दिया है। खास बात यह है कि नक्सली संगठन के द्वारा वाहनों को आग लगाने के अलावे बम से भी हमला किया गया है नक्सली अपने बम एक्सपर्ट को भी लेकर घटना को अंजाम देने के लिए आए थे।

*ठीक 365 दिन बीतने के बाद इतने बड़े घटना को गुमला में दिया गया दोबारा अंजाम*
नक्सलियों ने गुमला जिले में ठीक आज के ही दिन 8 जनवरी 2022 को कुजाम माइंस में लगभग दो दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले किया था।जिसके 1 साल बीत जाने के बाद 8 जनवरी की रात घाघरा थाना क्षेत्र के सतकोनवा में एक दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर अपना मजबूत उपस्थिति दर्ज कर दिया है।

*घटनास्थल से जले हुए कई वाहनों को हटाया गया*
घटनास्थल से पत्रकारों के पहुंचने के पहले वाहनों को हटाने का कार्य कंपनी और पुलिस वालों के द्वारा शुरू कर दिया गया था। लेकिन जैसे ही पत्रकार पहुंचे सब कुछ वैसे की वैसे छोड़ दिया गया। घटनास्थल से कई वाहनों को हटा दिया गया था,दबे जुबान मजदूरों ने बताया कि कुछ वाहनों को यहां से हटाया गया है। जब पत्रकारों ने अगल-बगल जाकर देखा तो एक झाड़ी के पीछे एक हाईवा छुपा कर रखा गया था। जो पूरी तरह से जला हुआ था। घटना में 6 हाईवा,1 कैंपर,1 पानी टैंकर,1 बॉक्साइट धुलाई करने वाला ट्रक को जलाया गया था,जो घटनास्थल पर मौजूद था।वहीं कई वाहन वहां से गायब थी।