शक्ति स्वरूपा के विदाई से पूर्व सिंदूर खेला का आयोजन, सुहागिनों ने मां दुर्गा से मांगा पति की लंबी उम्र व अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद, नम आंखों से दी विदाई

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संवाददाता, पारस कुमार इंद्रगुरु
लोहरदगा।
विजयदशमी के अवसर पर शुक्रवार को लोहरदगा जिला मुख्यालय के शास्त्री चौक स्थित पूजा पंडाल में पारंपरिक सिंदूर खेला का आयोजन किया गया। इस मौके पर महिलाओं एवं युवतियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सिंदूर खेला रस्म के दौरान सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूरअर्पित कर एक-दूसरे को लगाया और मां दुर्गा से पति की लंबी उम्र व अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। इस परंपरा को बंगाली संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। मान्यता है कि यह आयोजन पति की लंबी आयु, परिवार में सुख-समृद्धि और जीवन में मंगल कामनाओं के लिए किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, विजयदशमी के दिन मां दुर्गा अपने मायके से विदा होकर ससुराल लौटती हैं। इस अवसर पर महिलाएं उन्हें सिंदूर चढ़ाकर वैवाहिक सुख और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। इसी के साथ एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर वे अपनी सहेलियों और परिजनों के मंगल जीवन की कामना करती हैं। सिंदूर खेला को स्त्री के सौभाग्य, समर्पण और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लाल सिंदूर को उर्वरता, शक्ति और समृद्धि का द्योतक माना जाता है, यही कारण है कि यह परंपरा महिलाओं के बीच विशेष महत्व रखती है। इस अवसर पर निधि गुप्ता, खुशबू गुप्ता, रीमा साहू, प्रियंका केसरी, शांति केसरी, आशा गुप्ता, आवृति गुप्ता, पुष्पा गुप्ता, निक्की केसरी, आरती गुप्ता, रूपम, सुमेघा पांडेय, निशा, शारदा, बबीता देवी आदि महिलाएं शामिल रहीं।

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