लोहरदगा: गणेश चतुर्थी पर प्रथम पूज्य देवता भगवान श्री गणेश की हुई धूमधाम से आराधना, हुआ शहर में धार्मिक माहौल स्थापित

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लोहरदगा। रिद्धि सिद्धि के दाता श्री गणेश चतुर्थी उत्सव मंगलवार से शुरू हो गई है जो अगले 10 दिन तक चलेगा। भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी को विध्नविनायक भगवान गणेश का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन को भक्त गणेशोत्सव के रूप में मनाते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोहरदगा शहरी क्षेत्र में लगभग एक दर्जन व पूरे जिले में लगभग 40 स्थानों पर भगवान श्री गणेश की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई। पूरा लोहरदगा भगवान श्री गणेश की आराधना में डूबा गया है। लोहरदगा के पूजा पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। राणा चौक पूजा पंडाल में विद्युत सज्जा देखने लायक है। दस दिवसीय गणेशोत्सव को लेकर शहर में धार्मिक माहौल है। जिस तरह बंगाल में दुर्गा पूजा का प्रचलन है। उसी तरह महाराष्ट्र में गणेशोत्सव घर-घर मनाया जाता है। दुर्गा पूजा और गणेशोत्सव अब भारत के सभी शहरों में आयोजित हो रहा है। इससे हमारी संस्कृति और परम्परा प्रबल हो रही है। अगले दस दिनों में विध्नविनायक भगवान गणेश की पूजा- अर्चना इन्ही दस नामों की होगी। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की इन दस नामों का रोजाना स्तुति करते है। उनका समस्त विध्न और बाधा दूर हो जाता है। किस्को मोड़ शांति नगर में आकर्षक विद्युत सज्जा और भव्य पंडाल सबको आकर्षित कर रहा है। शहर का पूरा माहौल धार्मिक हो गया है। देर रात तक गणेश प्रतिमा पण्डालों में भक्तों की भीड़ जुटी रही। पंडित रामाधार पाठक का कहना है कि शुभ नक्षत्र में श्री गणेश का आगमन सर्वत्र शुभ फल प्रदाता माना गया है। उन्होंने बताया कि चतुर्थी तिथि के देवता भगवान गणेश हैं, जो रिद्धि-सिद्धि प्रदान करते हैं। बृहस्पति जिन्हें ज्ञान का प्रदाता माना गया है। वायु देवता जो मनुष्य में पंच प्राण को संतुलित रखते हैं। इस दृष्टि से ज्ञान बुद्धि का संतुलन कार्य में सिद्धि प्रदान करता है। वहीं, गुरु स्वाति योग में दस दिवसीय गणेशोत्सव में विधिवत पूजा मानोवांछित फल प्रदान करने वाला होता है। रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश की स्थापना करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।