
न्यूज स्केल संवाददाता
टंडवा (चतरा): टंडवा प्रखंड क्षेत्र में संचालित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना में रेलवे साइडिंग निर्माण के लिए वनाधिकार समिति से फर्जी प्रस्ताव लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार अंचलाधिकारी के पत्रांक 614 के आलोक में 18 मई 2023 को सेरनदाग में वनाधिकार समिति व ग्रामसभा के माध्यम से विभागीय अनापत्ति हेतु फर्जी प्रस्ताव पारित किए जाने से लोग हैरत में हैं। उक्त मामले की भनक लगते हीं 31 मई को ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की बैठक सेरनदाग में हुई थी, जहां मौजूद वनाधिकार समिति सदस्य, ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों ने 18 मई के आयोजित बैठक को फ़र्जी बताते हुए अपनी मौजूदगी व जानकारी होने से भी साफ इंकार कर दिया। वहीं इस मामले को लेकर गुरुवार को उपायुक्त चतरा समेत तमाम वरीय अधिकारियों को ग्रामीणों ने पत्र सौंपकर फर्जी प्रस्ताव अविलंब निरस्त करते हुए फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों व संलिप्ततों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। जानकारी देते हुए आवेदक सह विधायक प्रतिनिधि गणेश प्रसाद साहु ने बताया कि समुचित कार्रवाई के लिए उपायुक्त को दिए गए आवेदन की प्रतिलिपि सिमरिया विधायक, पुलिस अधीक्षक, एसडीओ सिमरिया, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी तथा वन पदाधिकारी को भी दी गई है। दुसरी ओर इस फर्जीवाड़े के मामले में अबतक किसी ने जबाबदेही नहीं लिया है। वहीं चुप्पी साधते हुए प्रतिक्रियात्मक बयान तक भी संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी नहीं की गई है। ग्रामीणों की माने तो हालांकि ऐसा हीं पूर्व में एक मामला प्रकाश में आ चुका हैं, जिसमें वर्ष 2019 में मगध कोल परियोजना से एनटीपीसी में कोयले की आपूर्ति हेतु कन्वेयर कॉरीडोर निर्माण को लेकर सराढू में आयोजित ग्रामसभा में मृतकों की मौजूदगी व निरक्षरों का हस्ताक्षर किए जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया था। दिलचस्प तथ्य तो यह है कि उक्त बैठक की अध्यक्षता करने वाले तात्कालिक राहम मुखिया अपनी मौजूदगी नकार चुके हैं। हालांकि उक्त मामला वर्ष 2022 में ग्रामीणों के बीच प्रकाश में आने तक काफी देर हो जाने के कारण ग्रामीणों का शोर दब गया तथा ज्ञापांक 552 के माध्यम से विभागीय अनापत्ति दिया जा चुका था। बहरहाल ऐसे आपराधिक कृत्य करने वालों पर कार्रवाई में विलंब होना उनके लिए वरदान से कम नहीं होता।