एनएच के नाली निर्माण में ऐसी तकनीक से हो रही ढलाई की तीसरे दिन ही टूट रहे हैं सलैब…

0
193

एनएचआई और कंपनी के जेई बिना पानी पटाये ही ढलाई को स्ट्रांग करने का कर रहे दावा, लोगों में आक्रोश

कुडू/लोहरदगा: कुडू से घाघरा तक एनएच 43 ए पर सड़क के किनारे हो रहे नाली निर्माण के कार्य में बरती जा रही अनियमितता से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि नाली निर्माण में काम करा रही कंपनी इतना घटिया कार्य करा रही है कि नाली एक वर्ष से ज्यादा नहीं टिक पाएगी। बताया कि पहले तो यह की नाली का लेबल ही नहीं लिया गया। जिस तरफ नाली के पानी को गिराना है उसी तरफ से ऊंचाई ज्यादा है। इसका नतीजा बारिश के दिनों में देखने को मिलेगा। शहर का पानी नाली से दूसरे जगह निकलेगा या बरसात का पानी नाली से सड़क और घरों तक पहुंचेगा ? ये इंजीनियर ही बता पाएंगे। इन सब से ज़्यादा महत्वपूर्ण ये है कि नाली को पाटने के लिए ढ़लवाए जा रहे स्लैब के लिए ऐसे अनुपात में मसाला बनाए जा रहे हैं कि ढलाई के दूसरे दिन ही बड़ी बड़ी दरारें बन जारही हैं। जानकार बताते हैं कि सीमेंट को ठोस होने के लिए कम से कम 7 से 14 दिन लगते है, और पूरी तरह से मजबूत होने के लिए 25 से 28 दिन लगते है। ओपीसी सीमेंट की साधारण मौसम में 7-8 दिन तक और पीपीसी सीमेंट की साधारण मौसम में 10 दिन तक पानी पटाना चाहिए। लेकिन आम जनता के हितों के लिए लाखों रुपए खर्च कर हो रहे नाली निर्माण कार्य में नियमो को दरकिनार कर एक दिन भी पानी नही पटाया जा रहा है। जिससे नाली कितनी दिनों तक टिकेगी इसका भी सहज अनुमान लगाया जा सकता है। इस तरह की अनेक अनियमितताएं नाली निर्माण में की जा रही है। ग्रामीण इसका काफी विरोध भी कर रहे है। लगातार समाचार पत्रों में खबरे प्रकाशित होने और स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि सहित इससे जुड़े सभी जिम्मेदार अनभिज्ञ बने बैठे हैं।

13 मई को ढाले गये सलैब में 15 मई को पड़ गयी दरारें

कुडू जामा मस्जिद के समीप 13 मई को नाली के ऊपर ढाले गए सलैब में 15 मई को दरारें पड़ गई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना कुडू बीडीओ मनोरंजन कुमार को दी। जिसपर उंन्होने एनएचआई के जेई बिनोद हेंब्रम से बात कर अनियमितता की जांच करने को कहा। एनएचआई के जेई ने काम करा रही विकेएस कंपनी के जेई विशाल कुमार सिंह को भेजकर स्लैब में पड़ी दरारों को गढ्ढा खोदकर चिपिंग कर लिपा पोती करा दी। जिसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष ज़फर खान को पहले तो जेई ने बताया कि पानी नही पटाया जाता है। और फिर बाद में प्रतिदिन पानी पटाये जाने की बात कहने लगे। ग्रामिनो ने बताया कि एक किलोमीटर तक हुए निर्माण में कुछ जगहों पर मात्र एक दिन पानी पटाया गया है। काम करा रहे लोगो ने ग्रामीणों को बताया कि जिसके घर और दुकान के सामने नाली है वही पानी पटायेगा। ज़फर खान ने कहा कि यदि आज से गुणवत्तापूर्ण कार्य और पानी पटाने की व्यवस्था नही की जाती है तो इसकी शिकायत ऊपर तक करेंगे और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। ज्ञात हो कि जेएमएम के जिला अध्यक्ष मोज़म्मिल अहमद, कुडू सीओ प्रवीण सिंह आदि भी शिकायत मुख्यमंत्री से करने और काम मे सुधार लाने की चेतावनी दी थी। लेकिन कार्य करा रहे रसूखदार कंपनी सब पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। शायद इसी लिए जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों की चेतावनी का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा।