मुख्यमंत्री के निर्देश पर पीवीटीजी परिवारों के उत्थान में जुटा जिला प्रशासन, डोर टू डोर सर्वे कर आदिम जनजाति परिवारों को जोड़ा जा रहा विकास योजनाओं से, नवंबर से लेकर अब तक की उपलब्धियों को लेकर डीसी ने की प्रेसवार्ता

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चतरा। झारखंड सरकार की ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत चतरा जिले में विभिन्न पंचायतों में शिविर लगाकर आम लोगों की समस्याएं सुनी गईं और उन्हें त्वरित समाधान एवं योजनाओं से लाभान्वित किया गया। इस प्रयास के विस्तार के रूप में, उपायुक्त चतरा श्री रमेश घोलप के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने 28 नवंबर 2024 से जिले के पीवीटीजी (बिरहोर, परहैया, बैगा आदि) परिवारों का डोर-टू-डोर सर्वे कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने का संगठित अभियान शुरू किया। आदिम जनजाति परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने हेतु इस अभियान की शुरुआत जिले के उपायुक्त, उपविकास आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पीवीटीजी बहुल बस्तियों के दौरे से हुई। इस दौरान अधिकारियों ने लोगों से सीधा संवाद कर उनकी ज़मीनी समस्याओं और अपेक्षाओं को सुना। इन संवादों और निरीक्षणों के आधार पर एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई। तत्पश्चात सभी बस्तियों में प्रखंड और पंचायत स्तर की टीमों के माध्यम से डोर-टू-डोर सर्वे कराया गया, जिसमें प्रत्येक परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, योजनाओं से जुड़ाव की स्थिति और आवश्यकीय दस्तावेज़ों की जानकारी एकत्रित की गई। संबंधित विभागों की योजनाओं से जुड़ाव हेतु स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए गए। इसके उपरांत गांवों और बस्तियों में प्रखंड व जिला स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा लगातार शिविर आयोजित किए गए, जिनमें पीवीटीजी परिवारों से योजनाओं के लिए आवेदन भरवाए गए और वहीं मौके पर आवश्यक सहायता भी प्रदान की गई। इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि किसी भी परिवार को आवेदन या प्रक्रिया के लिए प्रखंड कार्यालय या अंचल कार्यालय तक नहीं जाना पड़ा दृ प्रशासन स्वयं उनकी दहलीज तक पहुंचा। इस अभियान के अंतर्गत कुल 74 गांवों में 1653 पीवीटीजी परिवार चिन्हित किए गए जिनकी कुल जनसंख्या 6431 है। इनमें बिरहोर जनजाति की 3152, परहैया की 667 एवं बैगा की 2612 आबादी दर्ज की गई है। प्रखंडवार सबसे अधिक पीभीटीजी परिवार लावालौंग (1016), प्रतापपुर (1445), चतरा (1167), कुंदा (811) और सिमरिया (1003) प्रखंडों में निवास करते हैं। स्वयं उपायुक्त, डीडीसी, एसडीओ और बीडीओ स्तर के अधिकारियों द्वारा गांवों में पहुंचकर जन संवाद स्थापित किया गया। समस्याएं मौके पर सुनी गईं और तत्काल निराकरण के निर्देश दिए गए। जिले में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत अब तक 3883 जाति प्रमाण पत्र, 4009 आवासीय प्रमाण पत्र, 82 आय प्रमाण पत्र (प्रथम बार), 1290 जन्म प्रमाण पत्र, 689 नए आधार कार्ड बनाए गए, कुल 74 (19.91 एकड़) वन अधिकार पट्टा स्वीकृत, (व्यक्तिगतरू 71 कुल भूमि 14.86 एकड़, सामुदायिकरू 3 भूमि 5.05 एकड़), 290 पेंशन योजनाओं से जोड़े गए लाभार्थी, 495 नए आवास की स्वीकृति, 449 नए मनरेगा जॉब कार्ड, 109 मनरेगा अंतर्गत शुरू की गई नई योजनाएं, 579 स्वयं सहायता समूह बनाए गए, 41 समूह (लाभान्वित महिलाएं) शामिल हैं।