नई दिल्ली डेस्कः दुनिया (विश्व) में अब सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत बन गया है। अब यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में चीन के मुकाबले लगभग 30 लाख ज्यादा लोग हैं। आंकड़ों के अनुसार भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है। जबकी चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख ही है। वर्ष के शुरुआत में ही ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने यह अनुमान लगाया था कि 2023 में भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। इस नए आंकड़ों पर यूएनएफपीए ने मुहर भी लगा दी है। यूएन की रिपोर्ट की माने तो एक साल में भारत की जनसंख्या 1.56 फीसदी बढ़ी। 1950 के बाद पहली बार भारत की जनसंख्या चीन से ज्यादा हो गई है। यूएन 1950 से दुनिया में आबादी से जुड़ा डेटा जारी कर रहा है। तब से यह पहला मौका है जब भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ा दिया है। बीते वर्ष जारी एक रिपोर्ट में सामने आया था कि 6 दशकों में पहली बार चीन की जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है। चीन में बच्चे पैदा करने की दर कम तो हुई हीं, इस वर्ष माइनस में दर्ज की गई।
भारत से ज्यादा जी रहे चीन के लोग
चीन में जीवन की औसत उम्र भारत से बेहतर है। चिन में जहां पुरुषों की औसत उम्र 76 वर्ष व महिलाओं की 82 वर्ष है। वहीं भारत में पुरुषों की औसत उम्र 74 वर्ष और महिलाओं की औसत उम्र 71 वर्ष है। चीन के मुकाबले भारत की आबादी से जुड़े अनुमान 2022 में जारी एक रिपोर्ट में सामने आए थे।
युवाओं की तादाद भारत में सर्वाधीक
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 25 प्रतिशत 14 साल तक की उम्र वाले हैं। वहीं 10-19 साल तक के 18 प्रतिशत, 10-24 साल तक के लोगों की संख्या 26 प्रतिशत है, वहीं 15 से 64 साल के बीच लगभग 68 प्रतिशत लोग हैं। ऐसे में भारत में युवाओं की संख्या सर्वाधीक है, लेकिन चीन में ऐसा नहीं है। चिन में बूढ़ों की तादाद सबसे ज्यादा है। चीन में तो 20 करोड़ लोग 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
स्पष्ट नहीं है कि भारत की जनसंख्या चीन से कब आगे निकली
यूएनएफपीए की मीडिया ए़डवाइजर एना जेफरीज ने आंकड़े जारी करने के बाद कहा है की यह स्पष्ट नहीं है कि भारत की जनसंख्या चीन से कब आगे निकली। दोनों देशों के आंकड़े जारी करने के समय में काफी अंतर है तो इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। इतना ही बता सकते हैं कि चीन की जनसंख्या पिछले वर्ष पीक पर थी, जिसके बाद इसमें साढ़े 8 लाख की गिरावट आई थी। जबकी इसके विपरीत भारत में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है।
भारत में सभी प्रमुख धर्मों की आबादी बढ़ी है
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत में सभी प्रमुख धर्मों की आबादी बढ़ी है। उदाहरण के तौर पर 1951 से हिंदू 30 करोड़ से 96 करोड़ हो गए। मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई। ईसाइयों की भी जनसंख्या 80 लाख से बढ़कर 2.8 करोड़ पहुंच गई। जबकी भारत की आबादी के आकार संबंध में कुछ भी ठोस तरह से कह पाना मुश्किल है। इसका मुख्या कारण 2011 से जनगणना नहीं होना है।