टंडवा (चतरा)। टंडवा प्रखंड मुख्यालय में संचालित एनटीपीसी बिजली प्लांट से निकलने वाले जहरीले राख से प्रदूषित वातावरण में रहने वाले परेशान ग्रामीण कराह रहे हैं। जिसको लेकर राहम पंचायत के मुखिया विश्वजीत उरांव ने बड़ा आरोप लगाते हुवे बताया कि विभागीय उदासीनता से सड़क किनारे रहने वाले ग्रामीण दुर्घटनाओं का शिकार तथा प्रदूषण से बीमार और लाचार हो रहे हैं। जबकि इस कारोबार में शामिल दलाल अधिकारी और ठेकेदार मौज में मालामाल हैं। टंडवा-पिपरवार सड़़क से राख ढुलाई कर रहे सौरभ सागर, नवकार, आरटीपीएल समेत दूसरी अन्य कंपनियां व संबंधित अधिकारियों को ग्रामीणों के चित्कार से मानों कोई फर्क नहीं पड़ता। निर्धारित मानकों को ताक पर रखकर ओवरलोड़ ढुलाई से हो रहे अवैध धनोपार्जन को चुनिंदे अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों समेत उग्रवादियों व असमाजिक तत्वों तक को दी जाती है। ताकि ग्रामीणों के हर जोर व शोर को दबाया जा सके। स्मरण हो कि पिछले हीं दिनों सैंकड़ों शोषित आदिवासी परिवारों ने जिला व प्रखंड मुख्यालय का घेराव कर दिये गये 11 सूत्री मांगों के अल्टीमेटम पर विभागीय पहल अबतक कुछ भी नहीं हुआ। साथ ही क्षेत्र के भाजपा सांसद व विधायक भी मौन धारन किये हुए हैं। ऐसे में कयास लगाया जाता है कि ग्रामीणों के अंदर हीं अंदर सुलग रहे विरोध की चिंगारी विकराल रूप कभी भी धारण कर सकती है। बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि निर्धारित अल्टीमेटम की समय सीमा बीतने के बाद दलालों का मंसूबा कितना सफल होता है।