चेहरे तो बदले पर सिमरिया विधानसभा के जनता की तकदीर नहीं बदली, वादे तो हुए पर नहीं हुए पुरे

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न्यूज स्केल संवाददाता
मयूरहंड(चतरा)। सिमरिया विधानसभा वर्ष 1977 में अस्तित्व में आया जिसके बाद से अब तक विभिन्न राजनीतिक दलों से उम्मीदवारों को जनता ने जीत दिलाई। पर सिमरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता की तकदीर नहीं बदली। हां ए कहने में कतई गुरेज नहीं होगा कि बदले हुए चेहरों ने जनता के कृपा से अपना तकदीर जरूर बदल डाला। आज भी सिमरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। क्षेत्र के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं, परंतु किसानों को सिचाई के आभाव में आज भी वर्षा आधारित खेती करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। जबकि क्षेत्र में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की असीम सम्भावनाएं हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र में शिक्षा की बात करें तो आज भी छात्र डिग्री कॉलेज के अभाव में दूसरे शहरों में जाने को मजबूर हैं। वहीं स्वास्थ्य लाभ मिलने की बात करना तो बेईमानी होगी। देखने को तो जिला से लेकर प्रखंड में अस्पताल मिल जाएंगे। पर मरीजों को देखने वाले नहीं मिलेंगे। केवल अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सा पद्धति मरीजों को भर्ती करने और रेफर करने के लिए पर्याप्त है। खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों को एएनएम के भरोसे स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कमोबेश ऐसा स्थिति अन्य सरकारी विभागों में भी है, जिससे क्षेत्र के लोगों को सरकारी लाभ लेने से भी वंचित रहना पड़ता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बदलते जमाने में क्षेत्र की तकदीर बदलती है कि पूर्व की भांति जनता समस्याओं से आगे भी जुझती रहेगी।