* जन्म देने वाली मां ने एक माह के नवजात को झाड़ी में छोड़ गयी – बच्चे को दूसरे दंपति ने अपनाया और गोद लेने की इच्छा जताई कहा इसे दूसरे बेटे की तरह पालूंगा* *घाघरा कॉलेज मोहल्ला में मानवता को मां ने किया शर्मसार लगभग एक महीने को नवजात शिशु को झाड़ी में फेका,ग्रामीणों ने लाकर कराया इलाज,एक ने लिया गोद*

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झारखण्ड/गुमला -घाघरा कॉलेज मोहल्ला में शनिवार को सुबह 6 बजे मानवता को मां द्वारा शर्मशार करने का मामला प्रकाश में आया। लगभग 1 महीने के नवजात शिशु को मैन अंबा बगीचा स्थित झाड़ी में फेंक दी जहां रात भर शिशु तड़पता रहा। वही कॉलेज रोड निवासी दिलकेश्वर उरांव और सरिता देवी के पुत्र मैट्रिक का छात्र सागर उरांव प्रातः सुबह 5:00 बजे दौड़ने के लिए घर से निकाला था इस क्रम में उसे शिशु की रोने की आवाज मिली जिसके बाद वह पास जाकर देखा तो एक नवजात शिशु झाड़ियां में फेंका हुआ है और उसके सिर पर काफी चींटी थी।जिससे वह नवजात शिशु रो रहा था। जिसके बाद उसने सभी चीटियों को हटाया और इसके बाद उस नवजात शिशु को उठाकर अपने घर ले गया। इसके बाद बच्चे को बोटल से दूध पिलाया।ग्रामीणों की भीड़ उक्त शिशु को देखने के लिए लग गई। हालांकि शिशु स्वस्थ दिखा। शिशु को देख ऐसा लग रहा था मानो वह लगभग 1 महीने का है।घाघरा कॉलेज मोहल्ला निवासी युवा सहकारिता क्लब के अध्यक्ष दिलकेश्वर उरांव और सरिता देवी ने मां यशोदा और नंद बनकर उक्त बच्चों को गोद लेने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चे का लालन पोषण करेंगे। आज से मेरा दो बेटा हो गया। इसके बाद उक्त बच्चों को अस्पताल ले जाकर उसका इलाज कराया। बता दे की इस घटना के बाद उक्त मां जिसने झाड़ी में शिशु को फेंक दी थी। लोगों में आक्रोश देखा गया। हालांकि इसकी सूचना घाघरा थाना को भी ग्रामीणों द्वारा दी गई।