सर्वाेच्च न्यायलय के एसटी-एससी आरक्षण पर दिए गए निर्णय के विरोध में भारत बंद का रहा मिला जुला असर

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न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा/कुंदा/गिद्धौर/इटखोरी/टंडवा। सर्वाेच्च न्यायलय के एसटी-एससी आरक्षण पर दिया गए निर्णय के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को आहुत एक दिवसीय बंद का चतरा जिले में मिला जुला असर रहा। जिला मुख्यालय से यात्राी वाहनो ंका परिचालन ठप रहा। साथ ही शहर में अधिकतर दुकानें भी बंद रही। सामाजिक संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद को लेकर कुंदा प्रखंड में यात्री वाहनों एवं ऑटो के परीचाल को बाधित किया गया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जेबीकेएसएस के केंद्रीय मंत्री रंजीत भोक्ता एवं संचालन प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र भोक्ता ने किया। उन्होंने कहा कि सर्वाेच्च न्यायलय द्वारा एसटी-एससीके आरक्षण के खिलाफ दिया गया निर्णय इनके हितों के खिलाफ है। अध्यादेश जारी कर इस निर्णय को वापस लेना होगा। वहीं गिद्धौर गिद्धौर प्रखंड में मुख्य चौक व बलबल के समीप मुख्य सड़क को भारत बंद समर्थकों द्वारा जाम किया गया। सड़क जाम में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बहुजन समाज पार्टी, जेएमएम पार्टी, राजद, कांग्रेस समेत अन्य पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे। बताया गया कि केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट के मनमानी के विरोध में सड़क जाम किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार हाय हाय, सुप्रीम कोर्ट तेरी मनमानी नही चलेगी आदि नारे लगाए गए। वहीं सड़क जाम को लेकर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता भी घूम-घूम कर जायजा दिन भर लेते रहे। विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता आनंद भारती, भेखलाल राम, राजद के कमलेश रज्जक, 20 सूत्री प्रखंड़ अध्यक्ष बिनोद पासवान, जेएमएम प्रखंड़ अध्यक्ष मनोज वर्मा, कांग्रेस प्रखंड़ अध्यक्ष महावीर दांगी, मनोज रवि दास, दिनेश दास, जितेंद्र सिंह भोक्ता, विजय भारती, धनेश्वर पासवान, देवदीप पासवान आदि शामिल थे। टंडवा प्रखंड में भी विरोध का मिला जुला असर रहा। सरकारी कार्यालयों में अपेक्षाकृत उपस्थिति कम देखी गई। जबकि एनटीपीसी का कामकाज प्रभावित हुआ। वहीं आम्रपाली व मगध कोल परियोजना क्षेत्र में व्यावसायिक वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहने के कारण कोयले की ढुलाई नहीं हो सकी। चौक-चौराहों में बहुतायत दुकानें बंद रही। नेतृत्वकर्ताओं की मानें तो बंद का आयोजन पूरी तरह से सफल रहा है वे संयुक्त रूप से बीडीओ देवलाल उरांव को राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र सौंपते हुवे संवैधानिक संशोधन का प्रतिरोध दर्ज कराये हैं।