न्यूज स्केल संवाददाता
टंडवा (चतरा)। सोमवार को टंडवा थाना क्षेत्र के किसुनपुर में गुपचुप तरीके से वन क्षेत्रों में मापी कर रहे एक अमीन व उसके साथ मौजूद तीन अन्य लोग ग्रामीणों को देखते हीं मौके से फरार हो गये। जितेन्द्र महतो ने बताया कि वृंदा-सिसई कोल परियोजना आवंटित कंपनी डालमिया एवं उससे आउटसोर्सिंग कार्य का ठेका अपने नाम ले चुकी नीलकंठ कंपनी किसुनपुर के वन क्षेत्रों का गुपचुप तरीके से सीमांकन सर्वे कराने की भनक मिलने पर ग्रामीणों के पहुंचते हीं सभी भाग खड़े हुवे। इस दौरान मौके पर दो बाइक भी छोड़ दिये, जिसे ग्रामीणों द्वारा सुरक्षित रख दिया गया है। ऐसी गतिविधियों से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। इस मामले में वन सुरक्षा समिति अध्यक्ष संतोष प्रजापति ने बताया कि वन विभाग या कंपनी द्वारा बगैर रैयतों को जानकारी दिये या उन्हें विश्वास में लिए इस तरह के कार्य से आपसी सौहार्द व शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। जबकि कंपनी प्रबंधन तथा वन विभाग के कर्मी मापी संबंधित कार्य की जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया है। बहरहाल, ग्रामीण बिचौलियों व भागने वाले उन अज्ञातों की पहचान व उनसे राज जानना चाह रहे हैं। पिछले एक दशक से उक्त आवंटित कोल परियोजना में समन्वय की कमी तथा भूरैयतों में अविश्वास के कारण तीन कंपनियां बैरंग लौट चुकी है। बिना ग्रामीणों की सहमति के अनापत्ति देने से वन विभाग के प्रति भी लोगों में अविश्वास है। वहीं बड़े पैमाने पर भूमि फर्जीवाड़ा होने से भी लोग सशंकित रहते हैं। यही वजह है कि अबतक दर्जनों बार विरोध में प्रदर्शन व पुतला दहन ग्रामीणों ने किया है। वहीं वर्तमान में डालमिया प्रबंधन को भी लोगों का विश्वास जीतने तथा परियोजना के विस्तार में पसीने छूट रहे हैं। जानकारों की मानें तो अब वन विभाग को स्टेज 2 क्लियरेंस मिलने से पूर्व पिलरिंग कार्य कराना अनिवार्य है। जिसके लिए कंपनी प्रबंधन पूरी तरह से एडी़ चोटी का जोर लगाये हुवे है। जबकि, बिना ग्रामीणों व भूरैयतों का विश्वास हासिल किये गुपचुप कार्य से ग्रामीणों का असंतोष बढ़ता हीं जा रहा है।