न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। सोमवार को समारहणालय सभा कक्ष में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में खनिजों के अवैध उत्खन्न की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक हुई। जिसमें सर्वप्रथम 11 मार्च के अनुपालन प्रतिवेदन की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होने कहा कि लगातार ओवर लोडिंग की मामले प्रकाश में आ रहे हैं जिसकी रोकथाम को लेकर डीएफओ, एसडीपीओ टण्डवा, सिमरिया, सीओ टण्डवा, सिमरिया, थाना प्रभारी टण्डवा एवं सिमरिया को आवश्यक रूप से संबंधित मामलों के निरंतर जांच करने व नियम संगत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। आगे उन्होने कहा निरंतर यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि खनिज लोड वाहनों का परिचान बिना तिरपाल ढ़के किया जा रहा है, जिसके कारण राहगिरों व क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को समस्या हो रही है, इसका निष्पादन कराना सुनिश्चित करें। रूट मैपिंग से संबंधित समस्याओं का निष्पादन 15 दिनों के अंदर शत प्रतिशत करें। अवैध खनन के रोकथाम हेतु रखे गए एसआईएसएफ के द्वारा किए गए कार्यें का प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। बैठक में जानकारी दी गई कि अपर समाहर्ता चतरा द्वारा सीसीएल के सुरक्षा प्रभारियों को निर्देशित किया गया था जिले में कोयला का अवैध खनन, परिवहन न हो, इस हेतु लगातार मॉनिटरिंग करेंगे। अवैध मामला प्रकाश में आने के पश्चायत अवैधकर्ता के विरूद्ध नियम संगत कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। इस पर प्रतिवेदन के माध्यम से अशोका, मगध कोयला परियोजना एवं पूर्णाडीह कोयला परियोजना के द्वारा बताया गया कि अवैध खनन के रोकथाम हेतु एसआईएसएफ टीम को निर्देशित किया गया हैं। इसके लिए एसआईएसएफ टीम के द्वारा 24 घंटे गस्ती की जाती है। उपायुक्त ने जिला, अनुमंडल व अंचल स्तर पर अवैध खनन, परिवहन व भंडारण के विरूद्ध किए गए छापेमारी एवं जांच पर की गई कार्रवाई प्रतिवेदन की समीक्षा के क्रम में अप्रसन्नता व्यवक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यशैली संतोषजनक नहीं हैं। जिले में लगातार अवैध खनन, परिवहन व भंडारण के विरूद्ध छापेमारी एवं जांच अभियान चलाएं। साथ ही अवैध खनन, परिवहन व भंडारण के विरूद्ध रूची नहीं लेने वाले या कम प्रगति वाले कान्हाचट्टी, लावालौंग, कुंदा के अंचल अधिकारी को अस्पस्टिकरण किया गया। प्रदूषण पदाधिकारी से भी जांच प्रतिवेदन अप्राप्त होने के कारण उन्हे भी कारण पृच्छते हुए टंडवा क्षेत्र में निरंतर प्रदूषण जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने सभी परियोजना अधिकारी से कहा कि यह सुनिश्चित करेंगे कि परियाजना से चलने वाले वाहन में सभी आवश्यक दस्तावेज, चालक का लाईसेंस, प्रदूषण, बीमा पत्र, खनिज चालान, वाहन सहायक समेत अन्य की जांच करते हुए सड़क सुरक्षा नियमों को अक्षरशः अनुपालन हो। अगर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है या होती है तो नियम संगत परियाजना अधिकारियों के उपर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।