न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा/गिद्धौरः लोक आस्था का महापर्व छठ जिला मुख्यालय के साथ गिद्धौर, पत्थलगड़ा, टंडवा, इटखोरी आदि प्रखंड़ों में उगते भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सोमवार को संपन्न हो गया। सुबह सूर्याेदय होने के साथ ही अर्घ्यदान का क्रम आरंभ हो गया था। इसके बाद व्रती व उनके परिजनों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर खुद श्रमृद्धी की कामना की। इससे पहले अल सुबह से ही श्रद्धालु पास के छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। छठ में प्रातः कालीन अर्घ्य का विशेष महत्व है। यह प्रत्यक्ष देवों में एक भगवान भास्कर को अर्पित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरी आस्था के साथ अर्घ्य अर्पित करने वालों पर भगवान सूर्य की विशेष कृपा होती है। वे उसे अपने जैसा तेज प्रदान करते हैं। रोगों को हर लेते हैं। परिवार में सुख व शांति प्रदान करते हैं। परंपरा है कि व्रती सूर्याेदय के बाद अपने साथ स्वजनों से भी अर्घ्यदान कराती हैं। तांबे के पात्र में जल, एक चुटकी रोली, चंदन, हल्दी, अक्षत व लाल पुष्प डालकर गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है। चार दिवसीय महापर्व शुक्रवार को नहाखाय से प्रारंभ हुआ। इसके बाद शनिवार को खरना पूजा तथा नियम पूर्वक रविवार को पहला अर्घ्य भगवान भास्कर को दिया गया। वहीं सोमवार को उदयमान भास्कर को अर्घ्य देकर महापर्व संपन्न हुआ। चौती छठ पूजा काफी उत्साह व हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो में लोक आस्था का महापर्व चौती छठ मनाया गया। गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय स्थित रामसागर में लोक आस्था के चौती छठ पर्व पर दोनो बेला भगान सूर्य को अर्घ्य व्रतियों द्वारा अपर्ति किया गया। पूजा को लेकर छठ घाट को बेहतरीन तरीके से सजाया गया था।