कान्हाचट्टी में प्रशासन के आंख में धूल झोंक रोजगार सेवक व बिचौलिए गरीबों का छीन रहे हक, मजदूरों के जगह जेसीबी से दिन दहाड़े कराया जा रहा काम

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न्यूज स्केल संवाददाता, इंद्रदेव ठाकुर
कान्हाचट्टी(चतरा)। जिला के कान्हाचट्टी प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत तुलबुल के विभिन्न गांव में मनरेगा के महत्वपूर्ण कार्य तलब व डोभा आदि में मजदूरों के जगह जेसीबी मशीन से कार्य किया जा रहा है। साथ ही जिस योजना का कार्य समाप्त हो चुका है उस योजना की निपा पोती करके नए से योजना को चालू कर दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2020-21 में योजना संख्या 3417005003/आएफ/7080901507457 जिसका कार्य पूर्ण हो चुका था। लेकिन वही पुराने कटे हुए डोभा में नए सिरे से बोर्ड बनाकर नया योजना चालू कर दिया गया है। नए योजना का संख्या आएफ/70809090069है। इस तरह से रोजगार सेवक के मिली भगत से गरीबों के हक काट कर पेट में लात मारने का काम बिचौलियों द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में गरीब व मजदूर अपना घर परिवार व बच्चों को छोड़कर जीवन यापन व रोजी-रोटी के लिए पलायन के लिए मजबूर हैं। दूसरी और प्रशासन के निचले स्तर के अधिकारी व बिचौलियों के मिली भगत से धडले से जेसीबी से मनरेगा का कार्य कराया जा रहा है। जबकि भारत सरकार और राज्य सरकार पलायन को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर मनरेगा के तहत मनरेगा के तहत निबंधन कर लोगों को वर्ष में 100 दिन रोजगार देने की गारंटी देती है। पर इसका कितना लाभ इस अति पिछड़े सुदूर पंचायत के लोगों को मिलता है, उसका नमूना मात्र है एक डोभा का जेसीबी से निर्माण कार्य करना।

क्षेत्र में खुलेआम ग्रामीण और मजदूरों के आंख में धूल झुकने का कार्य किया जा रहा है। इसमें रोजगार सेवक की भी मिली भगत है। क्योंकि उन्होंने बिना स्थल जांच किए हुए प्रशासनिक कार्य करने का कार्य करते हैं। जिस तालाब को काटने में 4 से 6 महीना मजदूरों से लग जाता उसे 1 दिन में कटवा कर फाइनल करवा दिया जाता है। साथी पुराना योजना को जिसका कार्य पूर्ण हो चुका है उस कटे हुए डोभा को साफ करा कर किसी अन्य लाभुकों के नाम से योजना लागू कर दिया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं रोजगार सेवक व मनरेगा से संबंधित अधिकारियों की मिली भगत है। जबकि ताजुब की बात यह है कि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।रोजगार सेवक से इस संबंध में पूछे जाने पर जेसीबी के उपयोग होने की बात से या एक ही योजना स्थल पर दूसरा कार्य करने से इंकार किया। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सही और समय से जांच किया जाए तो कई इस कर्मी फसेंगे।