Tuesday, October 22, 2024

हजारीबाग के जंगलों में घूम रहा है विशाल बाघ पंजों के निशान से वजन का अंदाजा

न्यूज़ स्केल ब्यूरो आशीष यादव

हजारीबाग

•करीब तीन सौ किलो वजन होगा

•नेशनल पार्क में शिकार किया था

•वन्य जीवन के लिए सुखद सूचना

हजारीबाग के जंगल में एक वयस्क बाघ के होने की जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक बाघ के पंजों के निशान से यह माना जा रहा है कि यह करीब तीन सौ किलो वजन का बाघ है यानी अत्यंत शक्तिशाली है। गनीमत है कि इस रॉयल बंगाल टाईगर ने अब तक इंसानों पर हमला नहीं किया है और वह घने जंगलों के बीच चुपचाप विचरण कर रहा है।मिल रही जानकारी के मुताबिक अभयारण्य के इलाके में उसके दो दिन होने की सूचना थी। उसके बाद हजारीबाग के बरकट्ठा प्रखंड के इलाके में उसकी मौजूदगी का पता चला है।दरअसल नेशनल पार्क के अंदर चार पांच पशुओं के मारे जाने से ही इस तरफ ध्यान गया था। उसके बाद से उसकी तलाश प्रारंभ हुआ और अंततः पंजों के निशान से यह पाया गया कि यह दरअसल एक पूर्ण वयस्क बाघ है। याद दिला दें कि इससे पहले कई अवसरों पर गोला के पास भी बाघ देखे जाने की सूचना मिली थी। लेकिन वहां भी बाघ ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया था। ग्रामीणों की नजर पड़ने के बाद वन विभाग ने लोगों को उस तरफ जाने से मना कर दिया था। उसके बाद बाघ भी आबादी की तरफ कभी नहीं आया। बीच में इस रास्ते से गुजरते हुए ट्रेन से भी बाघ की न सिर्फ झलक देखी थी बल्कि अपने मोबाइल पर उसे रिकार्ड भी किया था। हारूबेड़ा जंगल से गुजरती ट्रेन से इसे रिकार्ड किया गया था।दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि यह वही बाघ है, जिसे पलामू के जंगल में देखा गया था। आम तौर पर बाघ चालीस वर्गमील के इलाके में घूमता है। इसलिए हो सकता है कि यह जंगलों के बीच चलता हुआ बांधवगढ़ तक गया था और वहां से पलामू और चतरा होते हुए इस तरफ आ गया है।हजारीबाग में भी बाघ ने अब तक आबादी की तरफ रुख नहीं किया है, जो राहत की बात है। इस बारे में एक वन अधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने बाघ के होने की जानकारी से हमारे संवाददाता को इंकार कर दिया। लेकिन अन्य माध्यमों से जानकारी मिल रही है कि विभाग के लोग अत्यंत सावधानी से इस बाघ की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।बता दें कि इस इलाके में बाघ की मौजूदगी भले ही आम लोगों के लिए भय का विषय हो पर इससे जंगल के बेहतर होने की भी पुष्टि होती है। कभी हजार बाग होने की सूचना की वजह से ही इस इलाके का नाम हजारीबाग पड़ा था जहां काफी संख्या में रॉयल बंगाल टाईगर रहा करते थे। समय के साथ साथ उनकी आबादी खत्म होती चली गयी थी। इसके बीच यह सूचना जंगल की आबादी के बेहतर होने के संकेत दे रहे हैं।

- Advertisement -spot_img
For You

क्या मोदी सरकार का ये बजट आपकी उम्मीदों को पूरा करता है?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
Live Scores

You cannot copy content of this page