समय पर भुगतान नहीं होने से साहूकारों के पास धान बेचने को मजबूर हैं किसान

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न्यूज स्केल संवाददाता
मयूरहंड(चतरा)। जिले के मयूरहंड प्रखंड में धान कटनी के साथ धान की खरीदारी भी शुरू हो गई है। वहीं 48 घंटे के अंदर किसानों को धान की कीमत भुगतान करने के सरकारी दावों की पोल खोल रही है। पैक्स में अधिक समर्थन मूल्य मिलने के बावजूद किसान खुले बाजार में साहूकारों के पास धान बेचने को मजबूर हैं। केंद्रों पर किसानों को एक माह बाद भुगतान करने का भरोसा दिया जा रहा है। इससे किसानों के बीच पैक्स और सरकार के रवैये पर नाराजगी देखी जा रही है। कई किसानों को बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे भेजना है तो किसी किसान को उपचार के लिए। किसी की बेटी के हाथ पीले करने की तैयारी है। परंतु समय पर भुगतान नहीं होने से धान बेचने वाले किसानों के मंसूबों पर पानी फिरने का भय है। इसलिए किसान व्यापारियों को 1800 रुपये समर्थन मूल्य से 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल कम में धान बेच रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के किसान नरसिंह प्रसाद ने बताया कि अगले वर्ष 85 क्विंटल धान पैक्स को बेचा। धान अधिप्राप्ति के बाद विभाग का मैसेज आया कि 48 घंटे के अंदर आपके खाते में राशि जमा कर दी जाएगी, लेकिन एक वर्ष के बाद भी खाते में आधे से ज्यादा राशि नहीं आई है। अन्य कई किसानों ने बताया कि अधिक पैसे के लिए पैक्सों को धान बेचा जाता है। लेकिन पैसे कब मिलेंगे, यह निश्चित नहीं है। इसलिए मजबूरी में किसान औने पौने दामों में साहूकारों के पास धान बेचने को मजबूर हैं।