12 लाख 56 हजार रुपये में हुआ लावालौंग पशु मेले का डाक

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12 लाख 56 हजार रुपये में हुआ लावालौंग पशु मेले का डाक

चतरा। लावालौंग प्रखंड क्षेत्र में लगने वाला ऐतेहासिक पशु मेले का डाक शनिवार को संपन्न हो गया। जिसमें सबसे ऊंची बोली लगाकर कोलकोले निवासी अनिल कुमार साव ने अपने नाम से बंदोबस्त कराया। सबसे पहले बीडीओ सह अंचल अधिकारी विपिन कुमार ने उपस्थित लोगों को मेले के सैरात बंदोबस्ती का नियम बताया और मेले का न्यूनतम बोली से लोगों को अवगत कराया। जिसके बाद मेले में डाक बोलने का क्रम सत्यनारायण प्रजापति ने शुरू किया। ज्ञात हो कि लावालौंग पशु मेला का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। यह मेला हर वर्ष दिसंबर के महीने में अगहन पूर्णिमा पर लगता है। लेकिन यह मेला पूर्णिमा से 10 दिन पहले से लेकर मकर संक्रांति तक रहता है। जिसमें में छोटे-बड़े सभी तरह के पशुओं की खरीद बिक्री भारी मात्रा में की जाती है। किसी जमाने में इस मेले को बिहार के सोनपुर मेले के बाद अखंड बिहार का दूसरा सबसे बड़ा मेला कहा जाता था। उस समय यह मेल लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में लगता था। जो अब महज 15 से 20 एकड़ भूमि पर ही सिमट कर रह गया है। शनिवार को हुए मेले के सैरात डाक में मेले के इतिहास का सबसे बड़ा बोली लगाया गया। मेले का डाक तीन लाख चौबीस हजार रूपए से शुरू हुआ जिसमें बारह लाख छप्पन हजार रुपय की बोली लगाकर अनिल कुमार साव ने मेले की बंदोबस्ती अपने नाम पर किया। वही बारह लाख पचपन हजार रुपए की बोली लगाकर रघु राम दूसरे नंबर पर और बारह लाख तीरेपन हजार रुपए की बोली लगाकर मो. एजाजुल तीसरे नंबर पर रहे। मौके पर अंचल के कर्मियों के अलावा भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।