पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था नोएडा में 6 नवंबर को सेक्टर-108 स्थित बरसाती नाले में मिला सिर और हाथ कटे महिला का शव, लेकिन नौ दिन की लगातार जांच के बाद केस का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने खुलासा किया कि यह हत्या किसी गैंग, दुश्मनी या लूट का मामला नहीं बल्कि एक बेहद खतरनाक प्रेम प्रसंग का अंत थी। आरोपी कोई और नहीं बल्कि महिला का प्रेमी—बस चालक मोनू सोलंकी निकला, जिसने अपनी दो बेटियों को बदनाम करने की धमकी से परेशान होकर इस वारदात को अंजाम दिया।
एटा जिले के नेहरू नगर निवासी मोनू सोलंकी अपने परिवार के साथ नोएडा के बरौला में किराये पर रहता था और छह महीने से एक सत्संग संस्था की बस चलाता था। दो साल पहले जींस फैक्ट्री में काम के दौरान उसकी जान-पहचान प्रीति यादव उर्फ प्रीति देवी से हुई, जो पति से अलग अपने पांच और आठ साल के बच्चों के साथ रहती थी। दोनों के बीच संबंध बढ़े और खर्च उठाने की जिम्मेदारी मोनू ने ले ली, लेकिन समय के साथ प्रीति की पैसों की मांग बढ़ती गई। पुलिस के अनुसार, प्रीति रकम न देने पर मोनू पर उसकी बेटियों को ‘गलत काम’ में धकेलने की धमकी देती थी। यही बात मोनू को अंदर ही अंदर तोड़ रही थी और आखिरकार उसने प्रीति को रास्ते से हटाने का मन बना लिया।
5 नवंबर की शाम मोनू ने प्रीति को घुमाने के बहाने बुलाया और पहले से ही उसके घर से गंडासा ले आया। बस को सेक्टर-105 के पास रोककर पराठे और मैगी खरीदी। इसी दौरान पैसों और परिवार छोड़कर साथ रहने की बात पर विवाद इतना बढ़ा कि प्रीति की संतानों को लेकर दिए गए अपमानजनक शब्द सुनकर मोनू का आपा खो गया। उसने बस के भीतर ही गंडासे से प्रीति का गला काट दिया। वारदात यहीं नहीं रुकी—मोनू ने बस में ही उसका सिर और हाथों के पंजे अलग कर दिए और शव को ठिकाने लगाने निकल पड़ा।
पहले उसने मुख्य हिस्सा सेक्टर-108 के नाले में फेंका, फिर पॉलीथिन में रखे कटे अंगों को लेकर गाजियाबाद सिद्धार्थ विहार गया, जहां बस चढ़ाकर अंगों को क्षत-विक्षत किया, ताकि पहचान और मुश्किल हो जाए। इसके बाद कपड़े, मैट और हथियार को वहां के नाले में फेंक दिया। बरौला लौटकर उसने बस को चार बार धोया और घर में ऐसे बैठा रहा जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। अगली सुबह प्रीति घर नहीं पहुंची तो वह उसके बच्चों को अपने घर ले आया और सबको बताया कि उनकी मां कहीं चली गई है।
दूसरी ओर, पुलिस की नौ टीमें लगातार हत्यारोपी और मृतका की पहचान से जुड़े सुराग तलाश रही थीं। घटनास्थल के पास से 5 नवंबर रात लगभग 8:30 बजे एक सत्संग संस्था की सफेद-नीली बस बंद लाइट के साथ गुज़रती दिखी थी। यही बस इस मामले की सबसे अहम कड़ी साबित हुई। पुलिस ने सत्संग प्रबंधन से जानकारी जुटाई और गुरुवार को मोनू के घर पहुंचकर परिवार से पूछताछ की। वहीं प्रीति के बच्चों ने पुलिस को दिखाए गए बिछुओं को पहचानकर बताया कि वे उनकी मां के हैं।
इसके बाद जब मोनू को हिरासत में लेकर सख्त पूछताछ की गई तो उसका झूठ टूट गया और उसने पूरा सच कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर गाजियाबाद नाले से कटे हुए अंग, गंडासा, कपड़े और बस का मैट बरामद किया गया। फोरेंसिक जांच में बस से खून के निशान भी मिले।
डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि आरोपी मोनू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मृतका की पहचान के लिए परिवार के सदस्यों का डीएनए मिलान कराया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक, फोरेंसिक और सभी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की तैयारी की जा रही है।
यह पूरा मामला एक ऐसे प्रेम-प्रसंग का अंत है जिसने इंसानियत को झकझोर दिया—जहां विश्वास, धमकी और डर एक भयावह कत्ल में बदल गया।








