
उदयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के 14 गांवों में अब शादी समारोहों में डीजे की धुन सुनाई नहीं देगी। उक्त निर्णय बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने वाले बुरे असर और सामाजिक विवादों को कम करने को लेकर उठाया गया है। वाल्मीकि एकता भील समाज के इस पहल को सराहा गया है, जिसने उक्त गांवों में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। गांवों के पंचों ने लोहारिया और मोटागांव थानों में डीजे बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ज्ञापन भी सौंपा है।
सर्वसम्मति से समाज ने लिया निर्णय
थाने में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि डीजे बजाने से कई बार सामाजिक विवाद उत्पन्न होते हैं और बच्चों की पढ़ाई में भी रुकावट आती है। जिसके कारण समाज ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि अब किसी भी व्यक्ति द्वारा शादी में डीजे बजाने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
समाज ने पुलिस को यह निर्देश भी दिया है कि यदि किसी व्यक्ति ने डीजे बजाया, तो उसे तब तक छोड़ा न जाए जब तक समाज की सहमति न मिले। ज्ञापन देने वालों में वाल्मीकि एकता भील समाज के अध्यक्ष रामलाल कलासुआ, सचिव रणछोड़ लाल बुज और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।
डीजे बजाने पर प्रतिबंध वाले गांव
बांसवाड़ा जिले के जिन गांवों में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, उसमें भीमपुर, नागनसेल, सिंगपुरा, चिरावाला गड़ा, भुवासा, वंदैया, सज्जन सिंह का गड़ा, आखे पानजी का गड़ा, आसन, खाखरीया गड़ा, लीलाऊआ गड़ा, तोरना, दलजी का गड़ा, डालिया का नाम शामिल है।