*नकली संन्यासी बनकर एवं लापता हुए ग्रामीणों की जानकारी लेकर उनके रिस्तेदारी बन घर वापसी का ताना-बाना बुनने वाले तीन संन्यासी गिरफ्तार तीनों उत्तर प्रदेश के*

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झारखण्ड /गुमला–लापता लोगों का पता लगा संन्यासी के रूप में आकर घर के लोगों को ठगने वाले तीन संन्यासियों को ठगी के पांच हजार,तीन फोन एवं दो सारंगी के साथ गिरफ्तार करने का सनसनीखेज मामला गुमला-जिले के पुसो थाना पुलिस ने खुलासा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर करते हुए तीनों ठग संन्यासियों क्रमश अरूग योगी पिता समालु योगी मोहम्मद फारुक एवं सफरूद्धीन तीनों उत्तर प्रदेश थाना ग्राम टिकरिया देहात कोतवाली निवासी हैं पुलिस ने बताया है कि दिनांक 5 नवंबर को प्रातः काल तीनों संन्यासी का रूप धारण करके पुसो थाना क्षेत्र के ग्राम निवासी कुलकुपी महुआ टोली निवासी चौथी उरांव पति बंधनू उरांव के घर में भिक्षाटन करने आएं हुए थे इसी दौरान तीनों संन्यासियों में से एक ने उनलोगों को अपने झांसा लेने के लिए कहा कि महिला से कहा कि मैं तुम्हारे पति का भाई सुकरमान उरांव हूं और बारह साल पहले लापता हो गया था एवं संन्यासी का जीवन बिता रहा हूं साथ ही ठग संन्यासियों ने उनके परिवार के सभी लोगों का नाम पता भी बता कर उनके बीच विश्तब जगा लिए थे तब घर में सभी ने उनलोगों को जब अंदर आने के लिए कहा तो संन्यासी ने कहा कि अब मैं घर में नहीं आ सकता क्योंकि मैंने संन्यास लिया है और यदि मुझे घर में रहना होगा तो पहले दस हजार साधुओं को भंडारा भोजन पहले ग्रहण कराने पड़ेगा इसके लिए काफी खर्च है करीब तीन लाख रुपए आपलोग दीजिएगा तो कुछ हो पाएगा इसकी व्यवस्था आप तीन दिन के अंदर कर मुझे खबर करें इस पर महिला एवं घर वाले तत्काल दस हजार रुपए एवं कुछ वस्त्र देकर उन्हें विदा कर दिए एवं पैसे का जूगाड में लग गए संन्यासियों के जाने के बाद जब महिला एवं परिजनों ने गांव की वार्ड सदस्य एवं अन्य ग्रामीणों को दी तो उन्होंने कहा कि सभी ठग संन्यासियों के झांसे में आ गए हैं और महिला को ग्रामीणों ने बताया कि ठगी करने वाले नकली संन्यासी है सबकुछ जानकारी लेते हैं और लोगों को ठगने का काम करते हैं तब जाकर ठगी की शिकार महिला चौठी उरांव ने पुसो थाना में ठगी को लेकर लिखित आवेदन दी थी इसकी सूचना गुमला-एसपी हरविंदर सिंह को दिए जाने पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले नकली संन्यासियों को लेकर पुसो थाना कांड संख्या 35/2023 धारा 419/420/34 भा,द,वि, के तहत दर्ज कर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने वाले तीनों संन्यासियों को सलाखों के पीछे भेजा गया।