
चतरा/कुंदा। डायन बिसाही के शक में चतरा जिले के कुंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत चिलोई-बरवाटोला की कुंती देवी की हत्या के बाद तीन बच्चों के सर से पहले पिता अब मां का साया भी उठ गया है। ऐसे में मृतका के तीन बच्चे बेघर हो डरे सहमे हुए हैं। जबकी ऐसे अनाथ हो चुके बच्चों के लिए बाल संरक्षण के तहत कई योजनाएं व कार्यक्रम राज्य के सभी जिले में चलाए जा रहे हैं। लेकिन उपरोक्त बच्चों को पिता के मृत्यू के बाद लाभ नहीं मिला और ना ही अब माता की भी मौत होने के बाद अंचलाधिकारी कुंदा द्वारा विभाग को पत्र लिखे जाने के बाबजूद बल संरक्षण की योजनाओं से किशोर न्याय अधिनियम के तहत जोड़़ने या संरक्षण देने की पहल ही की गई। ज्ञात हो कि ऐसे बच्चों को चिन्हीत कर योजनाओं का लाभ देने व संरक्षण देने के लिए जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई का गठन कर किशोर न्याय अधिनियम व आदर्श नियम के तहत जिम्मेवारी के साथ जवाबदेही तय की गई है। इसके बाबजूद बच्चों को विभाग द्वारा संरक्षण नही दिया जाना संबंधित पदाधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है। जबकी ऐसे लापरवाही के लिए किशोर न्याय नियम के तहत विभागीय कार्रवाई का भी संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध प्रावधान है। सूत्रों की माने तो जिले में ऐसे बच्चों का अबतक डाटा बेस ही तैयार नही किया गया है। तो ऐसे में प्रश्न उठता है की लाभ कहां से मिलेगा। मिली जानकारी के अनुसार मृतका के पति नारायण गंझू की मौत दो साल पूर्व गंभीर बीमारी से हो गयी थी। इसके बाद बच्चों का भरण पोषण मां जैसे तैसे कर रही थी। मां की हत्या के बाद तीनों बच्चे जिसमें दो बच्ची व एक बालक अनाथ हो गये हैं। अब बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद घर में रहने को तैयार नहीं हैं। उन्हें भय है कि मां की तरह हम सभी की भी हत्या न कर दें। बच्चों ने बताया कि चाची व चचेरा भाई ने संपत्ति को हड़पने के लिए मां की हत्या कर दी। दो मई को भूमि विवाद में डायन बता कर कुंती देवी को उसकी गोतनी व पुत्र ने मिल कर सुनियोजित तरीके से हत्या कर दी थी। मृतका के भाई तिलैया गांव निवासी जगदीश गंझू ने थाना में आवेदन देकर बहन की गोतनी व उसके पुत्र परमेश्वर गंझू के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। हालांकी घटना के बाद सीओ दीपक कुमार मिश्रा ने मृतका के बच्चों को 50 किलो चावल, नकद राशि उपलब्ध करायी थी।