पॉक्सो और जेजे एक्ट के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में कार्यशाला का आयोजन, पीडीजे, एसपी, डीडीसी व सभी हित धारक हुवे शामिल, कार्य व दायित्वों पर हुई चर्चा…

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न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। शुक्रवार को सिविल कोर्ट के सभागार में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में पॉक्सो और जेजे एक्ट के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पीडीजे श्री सिंह व संचालन प्रधिकार की सचिव प्रज्ञा वाजपेयी ने किया। सचिव ने इस अवसर पर सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। उसके बाद कार्यकम का शुभारम्भ पीडीजे श्री सिंह, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन, उपविकास आयुक्त उत्कर्ष कुमार गुप्ता, एडीजे प्रथम राजेश कुमार सिंह प्रथम, एडीजे तृतीय राकेश चंद्रा व एसडीपीओ टंडवा (आईपीएस) शंभू कुमार सिंह आदि ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा कि बढ़ते हुए बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न की वजह से पोक्सो एक्ट 2012 लागू हुआ। हर व्यक्ति अपने बच्चों का सही रूप से संरक्षण करे। पुलिस अधीक्षक श्री रंजन ने पोक्सो एक्ट की 4, 5, 6 व पुलिस की जिम्मेवारियों पर चर्चा की। उपविकास आयुक्त ने अपने प्रोसाहित शब्दों से उपस्थित लोगों का सम्बोधन किया। पीडीजे ने कहा कि जिन बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न होता हैं उनकी मानसिक स्थिति विकृत हो जाती है। उनके सम्पूर्ण विकास के लिए आवश्यक हैं उनका संरक्षण। वहीं टेक्निकल सेशन में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार सिंह ने पोक्सो एक्ट के सभी अधिनियमों के बारे के विस्तृत जानकारी देते हुए सभी उपस्थित हित धारकों से संवेदनशील से कार्य करने की बात कही। इसके अलावे हित धारकों से वार्तालाप कर पोस्को एक्ट के सभी नियमों का पालन करने की बात कही। एसडीपीओ श्री सिंह ने कहा की कानून की आवश्कयता तब होती है जब समाज सो जाता है। अब जब बच्चों की सुरक्षा के संबंध में हम बात कर रहे हैं तब समाज की आवश्यकता सबसे ऊपर है। बच्चों के उड़ान में हम सभी को सजग होकर उर्वता के साथ अपना योगदान सुनिश्चित करना होगा। बच्चों के प्रति हो रहे लैंगिक शोषण से सुरक्षा के लिए पुलिस पोक्सो के प्रवधानों को कड़ाई से पालन करने हेतु कृत संकल्पित है। डॉ. अरविंद केशरी, मेडिकल ऑफिसर, सदर अस्पताल ने यौन उत्पीडन के बच्चों मेडिकल एग्जामिनेशन पर जानकारी दी। वहीं दुसरे टेक्निकल सेशन में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, किशोर न्याय बोर्ड मुक्ति भगत ने जेजे एक्ट की विशेष धाराओं के साथ इससे संबंधित एफआईआर के तरीकों के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अरुणा प्रसाद ने यौन उत्पीडन के बच्चों के संरक्षण पर जानकारी दी। सहायक शिक्षक स्कूल ऑफ एक्सीलेंस रविकांत प्रसाद ने बताया कि प्रत्येक विद्यालय में 2 शिक्षकों को स्वास्थ्य आरोग्य दूत बनाया गया है। वहीं प्रत्येक विद्यालय में बाल संसद विद्यालय प्रबंध समिति व प्रहरी क्लब के माध्यम से विद्यालय के बच्चों की गतिविधि का ध्यान रखा जाता है। रिसोर्स पर्सन जेएसएलपिएस रीना देवी ने कहा की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जेंडर मुख्य धारा के अंतर्गत महिलाओं, बच्चों, किशोरियों, कमजोर वर्ग कानूनी सलाह एवं हिंसा के खिलाप जागरूक किया जा र है।

कार्यक्रम में उपरोक्त अतिथियों के अलावे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनय लाल, अवर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मो. उमर, एसडीजीएम अदनान आकिब, एसडीपीओ अविनाश कुमार, डीईओ दिनेश कुमार मिश्रा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरजमुनी कुमारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सचिव बार एसोसिएशन मुरली मनोहर मिश्रा, जेजेबी के सदस्य नर्मदेश्वर सिंह, सीडब्ल्यूसी सदस्य पिंकी कुमारी, श्वेता जासवाल, मुकेश कुमार पांडेय, एलपीओ भुवन भास्कर, डीएलएसए कार्यालय सहायक मोहम्मद नौशाद आलम, सहायक सरदार बलजीत सिंह, टाइपिस्ट धनंजय कुमार साहू एवं पीएलवी प्रभु कुमार यादव, अरविंद कुमार दास, अब्दुल जिलानी, गोपाल कृष्ण यादव, अनिल कुमार आदि उपस्थित थे।