न्यूज स्केल संवाददाता
चतराः लावालौंग प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्लॉक मोड के पास सोमवार को श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता नें कौशल प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन विधिवत फीता काटकर किया। ज्ञात हो कि ब्लॉक मोड़ के पास प्रशांति एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी उज्जैन के द्वारा कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर मंत्री ने छात्रों एवं उनके अभिभावकों से कहा कि आज के परिवेश में शिक्षा के साथ-साथ लोगों में कौशल का होना नितांत आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार के द्वारा कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गई है। ताकि छात्र अपने कौशल को निखारकर स्वरोजगार से जुड़ सकें। संस्था के स्टेट हेड मनीष कुमार ने बताया कि फिलहाल केंद्र पर सेल्फ एंप्लॉयमेंट टेलर, डोमेस्टिक इलेक्ट्रीशियन एवं कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें प्रत्येक कोर्स की अवधि चार माह की होगी। प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को कैंपस सलेक्शन भी करवाया जाएगा एवं छात्रों को प्रोत्साहन भत्ता भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान मंत्री नें कुछ जरूरतमंदों के बीच धोती-साड़ी और महिला मंडलों के बीच प्रोत्साहन राशि का चेक और प्रशस्ति पत्र का भी वितरण किया। कार्यक्रम में बीडीओ अमित कुमार, विकास रंजन, दीपक कुमार, राजेंद्र कुमार, अमित कुमार, बीस सूत्री जिला उपाध्यक्ष प्रभु दयाल यादव, जिप अध्यक्ष ममता कुमारी, अजय राम, जिला सचिव मोनू कुमार, दीपक साहू समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। वहीं जिला मुख्यालय स्थित भवन हॉल बिड मुहल्ला में मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत बिरसा योजना के तहत आयोजित कौशल प्रशिक्षण केंद्र के शुभारंभ कार्यक्रम में श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग मंत्री सत्यानंद भोक्ता बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर दीप प्रज्वलित कर विधिवत कौशल प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ किया। मौके पर श्रम अधीक्षक अरविंद कुमार, बीडीओ गणेश रजक समेत कई गणमान्य मौजूद थे।
नोट फोटोः- उद्घाटन के दौरान उपस्थित मंत्री व अन्य
पत्रकारों के सवालों से बचते रहे श्रम मंत्री
चतराः सुबे के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता लावालौंग में कौशल प्रशिक्षण केन्द्र उद्घाटन के दौरान पत्रकारों के सवालों से बचकर पल्ला झाडते रहे। स्थानीय पत्रकारों नें जब उनसे पूछा कि लगभग दो वर्ष पूर्व लावालौंग का 108 नंबर एंबुलेंस सिमरिया को दे दिया गया है। जिससे यहां काफी दिक्कतें हो रही हैं। इस पर मंत्री नें कहा कि लावालौंग का एंबुलेंस लावालौंग में ही चलेगा। लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपने यही उत्तर एक वर्ष पूर्व भी दिया था। तब मंत्री ने चुप्पी साध ली। इसके अलावा मॉडल स्कूल की जर्जर हालत और शिक्षकों की कमी के सवाल पर मंत्री अपने दूसरे कार्यक्रम का हवाला देकर लावालौंग से निकल गए।