
न्यूज स्केल संवाददाता
मयूरहंड(चतरा): जिले के मयूरहंड प्रखंड क्षेत्र में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष काफी कम वर्षा होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है। मानसून की बेरुखी ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। कड़ी धूप के वजह से खेतों में दरारे पडने लगे हैं। ऐसे में किसान इस वर्ष सूखे की आशंका के मद्देनजर चिंतित नजर आ रहे हैं। जानकार बताते हैं कि अगर स्थिति यही रही तो अगले फसल पर भी इसका असर पड़ेगा। इस वर्ष मई माह से ही कम वर्षा होने के कारण किसानों की मुश्किलें प्रारंभ से ही अधिक दिख रही है। किसानों ने थोड़ी-बहुत हुई वर्षा व पंपसेट के सहारे खेतों का पटवन कर किसी तरह धान बीज की बुआई तो की थी पर अब पानी के बिना मुरझाने के साथ खेतों में दरारे पडने लगे हैं। रोपाई का समय आया तो मानसून दगा दे रहा है। प्रखंड क्षेत्र में अभीतक धान रोपनी का कार्य एक प्रतिशत भी नहीं हो पाया है। हालांकि मानसून की शुरुआत ही निराशाजनक रही है। इसके बावजूद अच्छी फसल की आश में किसानों ने पूंजी दाव पर लगाकर घान का बिचडा बुआई करने के साथ भदई फसल मक्का, अरहर, उरद के अलावा अन्य फसल की बुआई किया है। प्रखंड क्षेत्र में निवास करने वाली लगभग आवादी कृषि पर निर्भर है। जिससे अब किसानों के समक्ष कर्ज में डुबने के सिवाय कोई दूसरा सहारा नजर नहीं आ रहा है।