व्यवस्थाओं की उड़ा रहे धज्जियां, जमीन पर सोने को मजबूर बच्चे
न्यूज स्केल संवाददाता
चतराः सरकार के आदेशों को ताक पर रखकर जिले के लावालौंग प्रखंड मुख्यालय में आवासीय स्कूल लिटिल फ्लावर एवं प्रतिमा ज्योति आवासीय स्कूल एवं बाजारटांड़ स्थित डिस्कवरी प्ले स्कूल का संचालन किया जा रहा है। ज्ञात हो कि तपती धूप व चिलचिलाती गर्मी को देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल आगामी 11 जून तक सभी कैटेगरी के स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है, पर उपरोक्त स्कूल का संचालन कर नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वहीं बारियातु, मनिका के साथ लावालौंग के डिस्कवरी प्ले स्कूल के संचालक के द्वारा सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल का संचालन किया जा रहा है। उक्त दो आवासीय विद्यालय 5 जून से संचालित किए जा रहे हैं। वहीं डिस्कवरी प्ले स्कूल एक सप्ताह पूर्व से ही संचालित हो रहा है। इन स्कूलों में कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो हॉस्टल में ना रह कर छः सात किलोमीटर दूर से आते हैं और छुट्टी होने के बाद चिलचिलाती धूप में पैदल घर जाते हैं। यहीं नहीं उक्त स्कूलों में ना तो बच्चों के रहने की कोई उचित व्यवस्था है और ना ही पढ़ने की। लावालौंग के दोनों आवासीय स्कूलों में मासूम बच्चे जमीन पर सोने को मजबूर हैं। जबकि आसपास घना जंगल होने के कारण सांप व बिच्छू का बेहद खतरा बना हुआ रहता है। यही नही स्कूल के कमरों में खिड़की और बिजली की उचित व्यवस्था तक नहीं है। बच्चों को यहां ऐसे रखा जा रहा है मानो काजी हाउस में जानवरों को रखा गया हो। उक्त सभी विद्यालयों में शिक्षकों की बात करें तो यहां 10 वीं 12 वीं पास शिक्षक ही बच्चों के बागडोर को निर्धारित कर रहे हैं। आवासीय विद्यालयों के डायरेक्टर व शिक्षक बच्चों को हाफ पैंट और गंजी में पढ़ाते नजर आए। ऐसे में बच्चों के अंदर कौन सा संस्कार भरा जाएगा यह भी ऊपर वाले पर ही निर्भर करता है। स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए बोर्ड तक की व्यवस्था नहीं है। बच्चों को सोने जागने एवं अन्य क्रियाकलापों का कोई रूटीन नहीं। इस बाबत बीईओ संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अवैध तरीके से संचालित उक्त स्कूलों की जानकारी मुझे नहीं है। अगर स्कूल संचालकों के द्वारा मासूम बच्चों के भविष्य के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ किया जा रहा है तो स्कूल को सील कर संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।