उपायुक्त ने की कृषि, गव्य विकास, पशुपालन, भूमि-संरक्षण, मत्स्य विभाग व सहकारिता आदि विभाग के कार्यों की समीक्षा, संबंधितों को दिए कई अवश्यक दिशा निर्देश

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न्यूज स्केल संवाददाता
चतराः समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त अबु इमरान की अध्यक्षता में कृषि, गव्य विकास, पशुपालन, भूमि-संरक्षण, मत्स्य विभाग, सहकारिता व सांख्यिकी आदि विभागों की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत जिले में कुल 112101 आवेदन बैंकों के द्वारा स्वीकृत किये गये हैं, जो राज्य में जिला का दूसरा स्थान है। झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के तहत् बताया गया कि कुल 21496 ई-केवाईसी की स्वीकृति दी गई है, जिसपर उपायुक्त ने विगत बैठक में उक्त योजना अंतर्गत लाभुकों के सत्यापन के निर्देश की अद्यतन स्तिथि की जानकारी ली। इसी क्रम में डीएमएफटी के अंतर्गत किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रम यथा बीज, मिनी किट वितरण एवं मिशन लाइफ और गोबर धन योजना अंतर्गत किये गए गोष्ठी, जिला स्तरीय प्रशिक्षण एवं अन्य किये जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए उपायुक्त ने जरूरी दिशा निर्देश दिया। भूमि संरक्षण पदाधिकारी द्वारा वित्तिय वर्ष 2022-23 में बंजर भूमि/राइस फैलो विकास योजनान्तर्गत सरकारी व निजी तालाब जीर्णाेद्धार योजना के तहत किये गए कार्यों के बारे में बताया गया कि कुल 13 तालाबों में मिट्टी कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं 50 तालाबों में कार्य प्रगति पर है। जलनिधि योजना अंतर्गत परकोलेशन टैंक का निर्माण और डीप बोरिंग का कार्य किया जा रहा है। जिला ससहकारिता पदाधिकारी ने पैक्स व विशेष प्रकार की समितियों की जानकारी देते हुए उनके निर्वाचन, अंकेक्षण, जमा वृद्धि योजना संबंधित व अन्य के अंतर्गत किये गए कार्यों के बारे में बताया। कोल्ड रूम निर्माण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हंटरगंज और मयूरहंड में कार्य प्रगति पर है एवं बाकी प्रखंडों में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत प्राप्त 61254 आवेदनों के आलोक में कुल 45172 किसानों का ई-केवाईसी सम्पन्न किया गया है और कुल 60043 किसानों के आवेदन पीएलसीसी द्वारा सत्यापित किये गए हैं। धान अधिप्राप्ति के अंतर्गत किये गए कार्यों की जानकारी लेते हुए उपायुक्त ने आगे का कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा वर्षामापक यंत्रों का अधिष्ठापन, जन्म-मृत्यु निबंधन कार्य पर एक दिवसीय प्रशिक्षण, जन्म-मृत्यु निबंधन के जाली प्रमाण पत्र को रोकने हेतु किये गए कार्याे समेत अन्य कार्यों की जानकारी दी गई। उपायुक्त ने जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत परिसंपत्ति का वितरण, राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भधारण कार्यक्रम, टीकाकरण समेत अन्य किये गए कार्यों को लक्ष्य के अनुरूप न पाकर रोष प्रकट करते कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता आधारित योजनाओं पर उदासीन रवैया अस्वीकार्य है तथा कार्यों में जल्द सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया। बैठक में मुख्य रूप से जिला कृषि पदाधिकारी आशोक सम्राट, जिला सहकारिता पदाधिकारी निलम कुमारी समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।