ओडीएफ घोषित प्रखंड में सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय की व्यवस्था नहीं…

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महिलाओं को होती है परेशानी, सड़क किनारे दिखाई देता है स्वच्छता की सच्चाई

मयूरहंड(चतरा): केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत योजना अंतर्गत खुले में शौच मुक्त प्रखंड बनाने की कवायद के बीच मयूरहंड प्रखंड के सभी पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। गांवों में इसका असर देखा जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच बाजारों में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बाजारों में सड़कों की स्थिति खुले में शौच की गवाही दे रही है। क्षेत्र के मुख्य बाजार करमा समेत अन्य बाजार में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से बाजार आने वाले लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। हालत ये है कि करमा व मयूरहंड सहित अन्य कई सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही है। लेकिन इसपर प्रशासन का बिल्कुल ध्यान नहीं जा रहा है। करमा व मयूरहंड बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना ओडीएफ की तस्वीर बयां करने के लिए काफी है। राजकीय इटखोरी जिहू मुख्य मार्ग पर अवस्थित करमा में करीब एक किलोमीटर लंबे क्षेत्रफल में फैले इस बाजार में हर दिन सैकड़ों लोग रोजमर्रा के कार्य से आते हैं। प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को साप्ताहिक हाट लगने के साथ एसबीआई शाखा संचालित है। वहीं प्रखंड मुख्यालय एवं थाना व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मयूरहंड में होने के साथ झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की शाखा संचालित है और रविवार व गुरुवार को साप्ताहिक बाजार भी लगता है। जहां आसपास की कई पंचायतों के लोग प्रत्येक दिन पहुंचते हैं। खासकर महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण मनीष कुमार, रवि रंजन कुमार, अशोक कुमार, चन्द्रशेखर कुमार, सुरेन्द्र सिंह, सुजीत कुमार आदि का कहना है कि स्वच्छता अभियान के तहत लगभग घर-घर शौचालय का निर्माण हो चुका है। लेकिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने बाजार को इससे उपेक्षित रखा है। बाजार में शौचालय के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था की सख्त जरूरत है। ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से जल्द इस समस्या पर ध्यान देने की मांग की है।