यहां बिजली के तार पर कपड़े सुखाने के लिए भी लगता है बिल, बिजली विभाग का अजीबोगरीब करनामा…

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अग्नि पाठक की रिपोर्ट
चतराः अक्सर सुर्खियों में अपने कारनामों के चलते रहता है झारखंड का बिजली विभाग। अबर चर्चा में केबीसी के हॉट सीट तक चर्चे में रहा झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड अंतर्गत टंडवा गांव के दुमुहान टोला का है। यहां बिजली विभाग द्वारा बिजली पहुंचने से पहले ही तीन दर्जन से अधिक घरों में बिजली का बिल भेज दिया गया है। जो क्षेत्र ही नही पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। स्थिति ऐसी है कि गांव तक बिजली तो दूर ट्रांसफार्मर न पहुंच सकी हो और ना ही सभी घरों तक बिजली के तार जोड़े गए हैं। इसके बाबजूद गांव के लोगों को बिजली विभाग द्वारा बिल भेज दिया गया है। गांव के कुछ खंभों पर बिजली के तार हैं भी तो उसका उपयोग ग्रामीण कपड़े सुखाने में करते हैं। ऐसे में अब जिस गांव को बिजली नसीब तक नहीं हुई अब उस गांव के ग्रामीण अचानक आए बिजली का बिल देखकर हैरान होने के साथ परेशान हो गए हैं। क्योंकि बिजली विभाग की तरफ से उन्हें कहा गया है की आप जल्द से जल्द बिजली का बिल भरे, नहीं तो आपके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से भी की है। लेकिन अब तक इस मामले की सुध किसी के द्वारा अबतक नहीं ली गई है। मिली जानकारी के अनुसार इस गांव में कनेक्शन धारकों के घर तक भले ही एक दिन भी बिजली नहीं जली हो, लेकिन 2000 से 2500 सौ रुपये तक के बिजली बिल उनके हाथों में थमा दिया गया है। गांव वालों का कहना है कि जब घर में बिजली ही नहीं आई तो उसका बिल कैसे आ गया। बिना बिजली का यह बिल एक दो नहीं बल्कि गांव के लगभग तीन दर्जन से अधिक परिवार को दिया गया है। विभाग के इस गलत करवाई का गांव के लोगों ने अधिकारियों से पूरे मामले की जांच की मांग की है। ज्ञात हो कि इस आधुनिक युग में जहां लोग डिजिटल हो रहे हैं, वहीं चतरा में बिजली विभाग का कारनामा उसके कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर रहा है। (अग्नि पाठक की रिपोर्ट)