Saturday, April 12, 2025

विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने की राज्य सरकार के कामों की जमकर तारीफ, कहा हमें सिर्फ शिक्षा और रोजगार चाहिए, बाकी का रास्ता खुद तय कर लेंगी

न्यूज स्केल डेस्क
रांची। झामुमो विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने एसटी, एससी, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अनुदान मांग के समर्थन में बोलते हुए राज्य सरकार के कामों की जमकर तारीफ की। साथ ही व्यक्तिगत सुझाव में राज्य सरकार से आग्रह किया कि कल्याण शब्द शासक और दास का बोध कराता है, जबकि लोकतंत्र में ना कोई शासक होता है और ना ही कोई दास होता है। इसलिए इस विभाग का नाम अधिकार विभाग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कल्पना चावला, सुनिता विलियम्स ने अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। संतोष यादव ने हिमालय को अपनी कदमों से कई बार नापा है। ये तस्वीरें गौरवान्वित करती हैं, लेकिन दूसरी तस्वीर शर्मसार करती है। भारत में 94 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं खुद निर्णय नहीं ले पातीं हैं। भ्रूण हत्या और प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत के प्रतिशत में कमी पर खुशी जाहिर की जा रही है। विभागों में महिलाओं को अलग से आरक्षण देने की बात हो रही है। सदन में भी आरक्षण देने की बात होती है। लेकिन कब तक इन सजावटी निणर्यों को ताली बजाकर स्वीकार करेंगे।

कल्पना सोरेन ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा और रोजगार चाहिए। बाकी का रास्ता खुद तय कर लेंगी। कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि 24 वर्ष में पहली बार 18 साल से 50 साल तक की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। पूछा जाता है कि मंईयां सम्मान के पैसे कहां से आएंगे। कहीं दूसरे विभागों की राशि तो नहीं काटी जाएगी। लेकिन ऐसा कतई नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में इस योजना को रोकने के लिए पीआईएल गैंग भी एक्टिव हो गए थे, लेकिन चुनाव में महिलाओं ने राज्य सरकार का साथ दिया। कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि इतनी बड़ी राशि इकट्ठा करना बेहद मुश्किल काम था। लेकिन सीएम और वित्त मंत्री ने इस काम को पूरा किया। अब सबके खाते में पैसे जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। कहा कि केंद्र सरकार वृद्धा पेंशन मद में 200 रुपये देती है। विधवा पेंशन मद में 300 रु देती है। दिव्यांग को 300 रुपये देती है। लेकिन राज्य सरकार सभी को 1000 रु देती है। उन्होंने भारत सरकार से इन जरुरत मंदों को 1,500 रुपये प्रति माह देने का आग्रह किया। कल्पना सोरेन ने कहा कि सोना अबुआ झारखंड के सपने को साकार करना है। इस काम में विपक्ष का भी सहयोग चाहिए। अनुदान के पक्ष में नमन विक्सल कोनगाड़ी, सुरेश पासवान, मो. तज्जुद्दीन व डॉ. लुईस मरांडी ने भी सदन में बोला।

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