पर्यटन स्थल घोषित होने के कगार पर कैलाश धाम मंदिर, सपने के बाद 1962 में खुदाई से निकली थी पंद्रह मूर्तियां

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मयूरहंड (चतरा)। जिले के मयूरहंड प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत बेला-परोरिया सीमाने पर अवस्थित कैलाश धाम मंदिर पर्यटन स्थल घोषित होने के कगार पर है। जिला प्रशासन द्वारा चयन कर स्वीकृति के लिए भूतल एवं पर्यटन विभाग को भेजा गया है। इस धार्मिक स्थल का इतिहास बड़ा ही रोचक व अद्भूत है। बताया जाता है कि 1962 में बेला गांव निवासी महथा गोविंद सिंह को रात्री में सपना में शिव-पार्वती समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां दिखाई दी। जिसके बाद श्री सिंह, बडगांव निवासी ठकुरी सिंह, नज़ीरगंज निवासी मुकुंद सिंह, परोरिया निवासी भिखारी पांडेय समेत अन्य ने उक्त स्थल की खुदाई शुरू की और खुदाई में शिव लिंग, शिव पार्वती, भगवान विष्णु, अष्टभुजी भगवती, गणेश भगवान समेत कुल पंद्रह मूर्तियां मिली। सभी मूर्तियों को स्थापित कर पूजा की शुरुआत की गई। जिसके बाद अगल-बगल गांव के लोगों द्वारा मंदिर निर्माण कर देवी-देवताओं को स्थापित किया गया और विधिवत पूजन की शुरुआत की गई। जिसके बाद 1970 में महा शिवरात्रि के अवसर पर बर्तन मेले का शुभारंभ किया गया। जो आजतक महा शिवरात्रि के अवसर पर पंद्रह दिवसीय बर्तन मेला आयोजित होते आ रहा है।