मयूरहंड(चतरा)ः जिले के मयूरहंड प्रखंड अंतर्गत बडकरीया नदी सोकी घाट में वर्ष 2009-10 में करोडो रुपये की लागत से लगभग दो सौ मीटर लंबा बना पुल महज बारह वर्ष के अंदर बालू माफियाओं के कोपभाजन का शिकार हो गया। जबकि विभागीय आदेशानुसार पुल के अगल बगल लगभग दो सौ मीटर तक नदी से बालू उठाव पर प्रतिबंधी है। ताकि नदियों में बने पुल के पिलर को नुकसान ना पहुंचे। परंतु विभागीय आदेशों को ताक पर रखकर बालू माफियाओं द्वारा पुल के पिलर के बगल से बालू का उत्खनन कर खोखला कर दिया गया। परिणाम स्वरूप पुल के तीनों पीलर जर्जर होने के साथ पुल जमीन की ओर झुकने लगा है, जो कभी भी धराशायी होने के साथ बडी घटना घट सकती है। पुल जर्जर होने के कारण बडी वाहनो के साथ छोटी वाहनों के परिचालन बंद होने के कगार पर है। खनन विभाग द्वारा अगर समय रहते अवैध बालू उत्खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो वो दिन दुर नहीं जब पुल भरभरा कर गिरने के साथ अपना अस्तित्व खो बैठेगा।