
पत्थलगड़ा(चतरा)। रविवार को पत्थलगड़ा प्रखंड क्षेत्र के सिंघानी निवासी महावीर बैठा की मृत्यु होने के उपरांत उनके अर्थी को विवाहित तीन पुत्रियों ने कंधा देकर बेटे का फर्ज निभाया। आज के दौर में कहा जाता है कि बेटियां-बेटों से काम नहीं होती है। बेटियों को अगर जिम्मेवारी दी जाए तो उसे भी निभाती है। फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र की जिम्मेवारी क्यों ना हो।
यही कारण है कि बेटियां आज अपने माता-पिता की ताकत बनी हुई है। उनके कंधे से कंधे मिलाकर साथ खड़ी है। इसका उदाहरण सिंघानी की तीनों बेटियों ने अपने पिता के अर्थी को कंधा देकर साबित कर दिया। इन बेटियों के साहस का पूरे इलाके में संदेश गया है। जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र के सिंघानी निवासी महावीर बैठा की मृत्यु हो गई और उनका कोई बेटा नहीं है। केवल तीन बेटियां हैं ऐसे में माता-पिता के निधन के बाद अग्नि संस्कार करने की चुनौती के बीच सामने आई बेटियों ने फैसला लिया कि वह मिलकर इस फर्ज को निभाएंगी। इसके बाद बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और सिंघानी के कहुआतर शमशान घाट में महावीर बैठा के भतीजे वशिष्ठ रजक ने मुखग्नि दी। इस कार्य में स्वर्गीय बैठा के तीनों बेटियों को उनके दामाद, नाती, नतनी के साथ गोतीया-भाई व समाज ने भी भरपूर सहयोग दिया।