
न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। आजादी के वर्षों बाद भी स्वतंत्र भारत में चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां आज भी प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लकड़ी (काठ) के पुल का सहारा लेना पड़ता है। प्रतापपुर प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत योगियारा पंचायत के नीच बरहे गांव की कहानी सुनकर आप सबों को आश्चर्य जरूर होगी की जहां आज भारत डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर दुनिया को मात दे रही है। लेकिन उक्त गांव में आज भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, नीच बरहे गांव के लोग जिंदगी दाव पर लगाकर काठ के पुल से आवागमन करने को विवश हैं। अधिकारियों ने इस गंभीर समस्या को निस्तारण करने की पहल आज तक नहीं की। जिससे ग्रामीणों को परेशानी यथावत है। ग्रामीण बताते हैं कि विषम परिस्थिति में गांव तक वाहन नहीं पहुंच पाता है। जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि योगियारा पंचायत मुखिया आशीष भारती का कहना है कि इस समस्या को लेकर उक्त स्थल पर पुल बनाने की सोच रखी थी। लेकिन वन विभाग के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने उक्त स्थल पर पुल का निर्माण नहीं करवा सके। वहीं ग्रामीण गणेश महतो, सुरेश महतो, वीरू महतो, मुकेश गंझु, महेंद्र गंझु समेत कई अन्य ग्रामीणों ने एक बार पुनः उक्त स्थल पर पुल बनाने की मांग प्रखंड व जिला प्रशासन से किया है।