भाजपा प्रत्याशी को संसद से विधानसभा तक का अनुभव प्राप्त, परंपरागत वोट बैंक निकले तो परिणाम चौंकाने वाले होंगे

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झारखण्ड/गुमला: भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत सिर्फ जाना पहचाना नाम और चेहरा नहीं बल्कि संसद से लेकर विधानसभा तक में जनप्रतिनिधित्व लंबे समय तक करने वाले एवं अनुभवी शिक्षित एवं मृदुभाषी लोकप्रिय नेता के लिए जाने जाते हैं इनका व्यक्तित्व हर समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करती है ही साथ ही राजनीतिक नेताओं के चुनावी गणितज्ञ भी है विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में गुमला विधानसभा सीट से भाजपा केंद्रीय कमेटी ने पूर्व सांसद सुदर्शन भगत को चुनावी मैदान में उतार कर गुमला विधानसभा क्षेत्र में सरगर्मी तेज कर दी है क्योंकि झामुमो विधायक सह प्रत्याशी भूषण तिर्की को कड़ी चुनौती चुनावी मैदान में देने के लिए सुदर्शन भगत से अच्छा कोई और इस चुनावी महाकुंभ में सामने नहीं था जिसपर कोई उंगली उठाते हुए पार्टी में विरोध करने वाले हैं बड़े से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं के साथ सभी समुदायों धर्म जातियों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में सक्षम भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत के चुनावी मैदान में आते ही सबसे ज्यादा प्रभावित झामुमो विधायक सह प्रत्याशी भूषण तिर्की हुए हैं चैनपुर अनुमंडल क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा वोट-बैंक झामुमो के पास है और चैनपुर अनुमंडल क्षेत्र के ही डुमरी पैतृक गांव सुदर्शन भगत का होने से झामुमो को एक बड़ा झटका लगा है हालांकि झामुमो विधायक सह प्रत्याशी भूषण तिर्की को लेकर चले तो पांच साल तक के कार्यकाल में क्षेत्र के सभी इलाकों में उतने लोकप्रिय नेता बनने में नाकाम रहे हैं उनका फोकस ज्यादा से ज्यादा चैनपुर अनुमंडल क्षेत्र में ही रहा है इसलिए झामुमो को यदि चैनपुर अनुमंडल क्षेत्र में उसके थोक वोट-बैंक में थोड़ा बहुत भी सेंधमारी हुए तो भूषण तिर्की झामुमो विधायक सह प्रत्याशी को बड़ा झटका होगा भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत भी जानते हैं कि उनकी मेहनत यदि काम कर गयी तो और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के परंपरागत वोट-बैंक को इधर-उधर नहीं होने दिया तो गुमला सीट पर दावेदारी निश्चित है। यहां बताते चलें कि गुमला विधानसभा सीट से ही भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी मिसिर कुजूर के चुनावी मैदान में उतरने से झामुमो विधायक सह प्रत्याशी फूले नहीं समा रहे हैं लेकिन उनकी यह भूल है चुनावी मैदान में झारखण्ड लोकतांत्रिक मोर्चा की युवा नेत्री निशा भगत भी तेजतर्रार एवं कुमार हंदू भगत की पूत्री जोर-शोर से लग गई है साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी विनय भूषण टोप्पो अन्य प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं जिनका अपना-अपना जनाधार है ये चुनावी मैदान में कितना दम रखते हैं यह चुनाव परिणाम पर मालूम पड़ेगा इसके लिए लोगों को बेशर्मी से इंतजार रहेगा। यहां बताते चलें कि गुमला मुख्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय वर्तमान विधायक सह प्रत्याशी भूषण तिर्की से नाराज़ हैं चुनाव जीतने के बाद शहरी क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति जनसमस्याओं को लेकर ना के बराबर है इसलिए अंदर-ही-अंदर मतदाताओं ने इस विधानसभा चुनाव 2024 में अलग ही मूड़ में है।