Wednesday, October 30, 2024

ऐसी भी क्या नाराजगी कि भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा और हारने के बाद टिकट चाहत रखने वाले टिकट नहीं मिलने पर पाला बदल लिया

झारखण्ड/गुमला: राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा देश में अपना नाम दर्ज कराई है और पार्टी काफी नीचे से अपने सिद्धांतों एवं कार्य से पहुंची है यह बात समझने वाले लोग ही भाजपा में काम करने एवं पार्टी का दामन थामते हुए अनेकों राजनेता बने हैं भूलना नहीं चाहिए वैसे नेताओं को जो भाजपा से जुड़े हुए हैं उन्हें यह भी समझ होनी चाहिए कि भाजपा अवसर देती है और जिन्होंने संयम रखा उसे उंचाई पर ले जाती है और जिसने संयम खोया उसे मौका भी पार्टी नहीं देती है।

यहां बताते चलें कि भाजपा में इन दिनों टिकट लेने के लिए मुहिम चल पड़ी है अनेकों नेता सिर्फ अखबारों में एवं सोशल मीडिया पर अपने कार्यक्रम को प्रकाशित कर सुर्खियों में आने लगें हैं लेकिन एक बात उन्हें भी मालूम होता है कि भाजपा में प्रत्याशी का चेहरा देख कर जनता वोट नहीं देते बल्कि भाजपा का चुनाव चिन्ह देखकर अपना बहुमूल्य वोट डालते हैं।

यहां बताते चलें कि झामुमो का दामन थाम ली भाजपा नेता को बिशुनपुर से अशोक उरांव को भी चुनाव मैदान में मौका दिया था और वहीं बागी निर्दलीय प्रत्याशी मिसिर कुजूर को भी मौका दे चुकी है लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर टिकट नहीं मिलने पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी है। यह सब राष्ट्रीय राजनीतिक दल में देखा नहीं जाता है कि कौन आ रहें हैं और कौन जा रहें हैं क्योंकि भाजपा में नेताओं की लंबी कतार लगी हुई है।

और यह भी कि अपने रूठें को मनाने के लिए भाजपा उनके दरवाजे तक सिर्फ इसलिए आती है कि वे उनके अपने हैं और यह हालिया तस्वीर लोगों के सामने है कि अन्य दल से नाता तोड़कर जाने वाले नेताओं को कोई पूछता तक नहीं जैसे झामुमो में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन एवं सीता सोरेन को लेकर झामुमो जहां चंपाई सोरेन को तरहीज नहीं दी वहीं सीता सोरेन प्रकरण सामने है।

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