Tuesday, October 22, 2024

भारत रत्न के लिए रतन टाटा का नाम महाराष्ट्र सरकार ने किया प्रस्तावित

न्यूज स्केल शोसल डेस्क
मुंबई। गुरुवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में सर्व सहमति से उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा को उनकी उपलब्धियों के लिए भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से रतन टाटा को भारत रत्न दिए जाने की सिफारिश की गई है। इस दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि रतन टाटा के निधन से हमारे देश और महाराष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी महान उपलब्धियों को देखते हुए हम भारत सरकार से उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का अनुरोध करते हैं।

महाराष्ट्र के बेटे रतन टाटा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 10 अक्टूबर 2024 को हुई कैबिनेट की बैठक में पद्म विभूषण रतन टाटा के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रतन टाटा को भारत रत्न दिए जाने का अनुरोध करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया। सीएम एकनाथ शिंदे ने इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि रतन टाटा का योगदान देश के विकास में अभूतपूर्व था। वह महाराष्ट्र के बेटे थे। रतन टाटा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी और भारत की पहचान बनाई। आजादी के बाद देश के पुनर्निर्माण में टाटा समूह ने प्रमुख भूमिका निभाई। इस समूह के माध्यम से रतन टाटा ने वैश्विक स्तर पर भारत का परचम लहराया। कारों से लेकर नमक तक और कंप्यूटर से लेकर कॉफी-चाय तक, टाटा का नाम कई उत्पादों के साथ गर्व से जुड़ा हुआ है।

रतन टाटा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपना अद्वितीय योगदान दिया

मुख्यमंत्री ने कहा कि रतन टाटा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपना अद्वितीय योगदान दिया। मुंबई पर 26/11 हमले के बाद उनकी दृढ़ता के लिए उन्हें याद किया जाएगा। रतन टाटा ने कोविड के दौरान तुरंत पीएम रिलीफ फंड में 1500 करोड़ रुपये दिए। साथ ही अपने अधिकांश होटलों को कोविड के दौरान मरीजों के लिए उपलब्ध कराया। उनकी महानता सदैव याद रखी जायेगी।

महाराष्ट्र सरकार ने दिया था “पहला उद्योग रत्न” पुरस्कार

कैबिनेट बैठक में एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनमें नवप्रवर्तन और परोपकारिता का अद्वितीय समन्वय था। उन्होंने अपने ‘टाटा मूल्यों’ से कभी समझौता नहीं किया। वह युवाओं के बीच उपलब्धि और प्रयोग को प्रोत्साहित करने में हमेशा आगे रहते थे। उन्होंने गढ़चिरौली जैसे दूरदराज के इलाकों में युवाओं को अवसर और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए एक नवाचार केंद्र शुरू किया। हमें उन्हें महाराष्ट्र सरकार का पहला ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार प्रदान करने का सौभाग्य मिला। उनके मार्गदर्शन से महाराष्ट्र को सदैव लाभ हुआ है। रतन टाटा के निधन से हमारे देश और महाराष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी इन महान उपलब्धियों को देखते हुए हम भारत सरकार से उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का अनुरोध करते हैं।

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