न्यूज स्केल संवाददाता, श्रीकांत राणा
पत्थलगड़ा (चतरा)। चतरा जिले के पत्थलगड़ा प्रखंड अंर्तगत लेंबोईया पहाड़ी पर अवस्थित दक्षिणमुखी देवी स्थान में पिछले 344 वर्षों से शरदीय नवरात्र की पूजा की जा रही है। मंदिर के बुजुर्ग पूजारी यदुनंदन पांडेय की माने तो यहां मान्यता है कि पहाड़ी पर माता सती के वाम नेत्र गिरे थे। यहां जो भी श्रद्धालु माथा टेकते हैं माता उनकी हर मनोकामना पूरी करती है। पहाड़ी पर माता भगवती दक्षिणमुखी चामुण्डा रूप में विराजमान हैं। श्री पांडेय आगे बताते हैं कि 1680 में पहली बार नवरात्र के मौके पर कलश स्थापित कर मां की अराधना की गई थी। पूर्व में यहां के पूजा का सारा कार्य व खर्च रामगढ़ के राजा कामख्या नारायण सिंह द्वारा किया जाता था। उस वक्त यहां भैसे की बलि दी जाती थी। बीच में भैसे की बलि बंद होने पर बकरे की बलि दिया जाने लगा। वर्तमान में भी बलि का संकल्प राज परिवार के नाम से हीं होता है। हांलाकि माता के इस देवी स्थान मंदिर में प्रखंड क्षेत्र के अलावे दुर दराज के लोग सालों भर माता टेकने पहुंचते हैं। लेकिन शारदीय नवरात्र पर माता के पूजा अर्चना हेतु विशेष भीड़ उमड़ती है। नवरात्रा के पहले दिने से ही पहाड़ी पर माता के उपासना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
लेंबोईया पहाड़ी स्थित देवी स्थान पर 344 वर्षों से हो रही है शारदीय नवरात्र, पहली बार 1680 में हुई थी कलश स्थापना
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